कैसे हुआ सरस्वती का जन्म | saraswati ka janam kaise hua | माता सरस्वती के जन्म की कहानी | Mata Saraswati Ki Kahani In Hindi

कैसे हुआ सरस्वती का जन्म | saraswati ka janam kaise hua | माता सरस्वती के जन्म की कहानी | Mata Saraswati Ki Kahani In Hindi

जब सृष्टि का निर्माण हुआ तो हर और अव्यवस्था थी। ब्रह्मा को यह समझ में नहीं आ रहा था कि सृष्टि में व्यवस्था कैसे बनाई जाए। समस्या पर विचार करते समय उन्हें एक आवाज सुनाई पड़ी कि ज्ञान ही सृष्टी में व्यवस्था बनाने में सहायता कर सकता है।

Mata Saraswati Ki Kahani In Hindi
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तभी ब्रह्मा के मुख से सरस्वती की चमत्कारी आकृति प्रकट हुई जो ज्ञान और बुद्धि की देवी थी, श्वेत वस्त्र धारण किए वह हंस पर सवार थी। उसके एक हाथ में पुस्तक और दूसरे में वीणा थी।

विचार, समझ और संवाद के जरिए उन्होंने ब्रह्मा को यह समझाने में सहायता की की किस तरह से सृष्टि में व्यवस्था कायम की जाए।

जब उसने वीणा बजाई तो हल्ला गुल्ला शांत होने लगा सूर्य, चंद्रमा और तारों का जन्म हुआ। समुंद्र भर गए और ऋतु परिवर्तन होने लगा। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर सरस्वती का नाम वाग्देवी रख दिया जिसका अर्थ शब्द और ध्वनि की देवी होता है। इस प्रकार ब्रह्मा, सरस्वती के ज्ञान की बदौलत सृष्टि के रचयिता बन गए।

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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