महर्षि दधीचि की कहानी | Maharishi Dadhichi Story In Hindi | दधीचि ऋषि की कहानी

महर्षि दधीचि की कहानी | Maharishi Dadhichi Story In Hindi | दधीचि ऋषि की कहानी

असुर सेना के आक्रमण से डरकर इंद्र दधीचि ऋषि के पास सहायता मांगने और उनसे हर तरह के भय को दूर करने वाली मधु विद्या का पाठ सीखने पहुंचे। दधीचि इंद्र को मधु विद्या देने पर सहमत हो गए। इंद्र ने तभी उन्हें चेतावनी दी, ” अगर आप यह विद्या किसी और को देंगे तो मैं आपका सिर काट डालूंगा।”

Maharishi Dadhichi
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मधु विद्या सीखने के बाद इंद्र का मुख चमकने लगा। उनके मुख का तेज देखकर अश्विनी कुमारों ने भी मधु विद्या सीखने की इच्छा जताई। वे दधीचि के पास गए लेकिन उन्होंने अश्विनी कुमारों को अपने वचन के बारे में बता दिया।

अश्विनी कुमारों ने तय किया कि अगर वे दधीचि के सिर की जगह घोड़े का सिर लगा दे तो इंद्र को मूर्ख बनाया जा सकता है। योजना के अनुसार दधीचि ने घोड़े का सिर लगाकर अश्विनी कुमारों को मधु विद्या सिखाने शुरू कर दी।

जब इंद्र को यह पता चला तो उन्होंने दधीचि के घोड़े वाले सिर को काट कर अलग कर दिया। इंद्र के जाते ही अश्विनी कुमारों ने दधीचि के घर पर फिर से उनका मूल सिर लगा दिया।

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महर्षि दधीचि की कहानी | इंद्र ने दधीचि का सर क्यों काट दिया था | Story of Maharishi Dadhichi |

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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