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आज मत बिगाडो – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी | जातक कथाएँ | lokpriya Jatak Kathayen | aaj mat bigado mahatma Buddha story in hindi
भगवान बुद्ध एक गांव में उपदेश दे रहे थे। सभा में सभी शांति से बुद्ध की वाणी सुन रहे थे, लेकिन वहां स्वभाव से ही अति क्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसे बुद्ध की बातें बेतुकी लग रही थी।
वह कुछ देर तक तो सुनता रहा फिर अचानक ही बोल उठा, ‘तुम पाखंडी हो। बड़ी-बड़ी बातें करना यही तुम्हारा काम है। तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो। तुम्हारी बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखती।’
ऐसे कई कटु वचनों को सुनकर भी बुद्ध शांत रहे। उन्हें शांत देखकर उस व्यक्ति का क्रोध और भी उफन उठा। उन्हें और भी तेजी से भला बुरा कहते हुए वह चला गया।
वह अगले दिन जब उस व्यक्ति का क्रोध शांत हुआ, तो वह पछतावे की आग में जलने लगा और बुद्ध को ढूंढता हुआ, उसी स्थान पर पहुंचा, लेकिन बुद्ध तो अपने शिष्यों के साथ दूसरे गांव की ओर निकल चुके थे।
उस व्यक्ति ने बुद्ध के बारे में लोगों से पूछा और जहां वे प्रवचन दे रहे थे, वहां पहुंच गया। उन्हें देखते ही वह उनके चरणों में गिर पड़ा और उनसे क्षमा मांगने लगा।
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बुद्ध ने पूछा, ‘कौन हो भाई, तुम्हें क्या हुआ है, क्यों शमा मांग रहे हो?
उस व्यक्ति ने कहा, ‘मैं वही हूं, जितने कल आपसे बहुत बुरा व्यवहार किया हां। मैं शर्मिंदा हूं।’
भगवान बुद्ध ने उससे कहा, ‘बीता हुआ कल तो मैं वहीं छोड़ कर आ गया। हर कोई उस जगह को छोड़कर चला जाता है। तुम अभी वहीं रुके हुए हो।
तुम्हें अपनी गलती का आभास हो गया, तुमने पश्चाताप कर लिया और तुम निर्मल हो गए। अब तुम आज में प्रवेश करो। बुरी बातें तथा बुरी घटनाएं याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ जाते हैं। बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो।’
Buddha Stories I बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो I Do not spoil today because of the past
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