प्रदोष व्रत | Pradosh Vrat | प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत, Pradosh Vrat, प्रदोष व्रत जून 2024, प्रदोष व्रत 2024 लिस्ट, प्रदोष व्रत कैलेंडर 2024 List pdf, प्रदोष व्रत नियम, प्रदोष व्रत कब है, प्रदोष व्रत कथा, प्रदोष व्रत का अर्थ, प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है

Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत में इन नियमों का करें पालन…वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल

Pradosh Vrat

यहाँ पढ़ें : काँवड़ यात्रा का महत्व

प्रदोष व्रत | Pradosh Vrat | प्रदोष व्रत का महत्व

माह की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल मे होना, प्रदोष व्रत होने का सही कारण है। प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहिले प्रारम्भ होकर सूर्यास्त के बाद 45 मिनट होता है।

प्रदोष का दिन जब साप्ताहिक दिवस सोमवार को आने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को होने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष तथा शनिवार के दिन प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं।

वैसे तो त्रयोदशी तिथि ही भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। परंतु प्रदोष के समय शिवजी की पूजा करना और भी लाभदायक है।

Pradosh Vrat
Pradosh Vrat

ध्यान देने योग्य तथ्य: प्रदोष व्रत एक ही देश के दो अलग-अलग शहरों के लिए अलग हो सकते हैं। चूँकि प्रदोष व्रत सूर्यास्त के समय, त्रयोदशी के प्रबल होने पर निर्भर करता है। तथा दो शहरों का सूर्यास्त का समय अलग-अलग हो सकता है, इस प्रकार उन दोनो शहरों के प्रदोष व्रत का समय भी अलग-अलग हो सकता है।

इसीलिए कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि, प्रदोष व्रत त्रयोदशी से एक दिन पूर्व अर्थात द्वादशी तिथि के दिन ही हो जाता है।

सूर्यास्त होने का समय सभी शहरों के लिए अलग-अलग होता है अतः प्रदोष व्रत करने से पूर्व अपने शहर का सूर्यास्त समय अवश्य जाँच लें प्रदोष व्रत चन्द्र मास की शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है।

FAQ – Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत की पूजा कब करनी चाहिए?

प्रदोष व्रत की पूजा अपने शहर के सूर्यास्त होने के समय के अनुसार प्रदोष काल मे करनी चाहिए।

प्रदोष में क्या न करें?

भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा किए बिना भोजन ग्रहण न करें. व्रत के समय में अन्न, नमक, मिर्च आदि का सेवन नहीं करें।

प्रदोष व्रत मे पूजा की थाली में क्या-क्या रखें?

पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, काले तिल, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, शमी पत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती एवं फल के साथ पूजा करें।

त्योहारों की सूची

अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पर कैसे करें पूजनहर साल क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजाहल षष्ठी व्रत का महत्व
ज्येष्ठ अमावस्यापूर्णिमा का महत्व
सोमवती अमावस्या का महत्वगुरू पूर्णिमा का महत्व
वट सावित्री व्रत का महत्वमाघ गुप्त नवरात्रि का महत्व
नाग पंचमी का महत्वरक्षाबंधन का महत्व
गंगा दशहरा का महत्वकाँवड़ यात्रा का महत्व
प्रदोष व्रत का महत्वशिवरात्रि का महत्व
सावन के सोमवार का महत्वहरियाली तीज का महत्व
शनि जयंती का महत्व

Reference
Pradosh Vrat

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment