हरियाली तीज | Hariyali Teej | हरियाली तीज का महत्व

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Hariyali teej vrat:जानें क्या है हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Hariyali Teej

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हरियाली तीज | Hariyali Teej | हरियाली तीज का महत्व

उत्तर भारत की विवाहित महिलाओं के बीच लोकप्रिय त्यौहार मे से एक है, यह हरियाली तीज का त्यौहार। हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज, हरितालिका तीज, सिंधारा तीज व छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है।

मुख्यत: यह स्त्रियों का त्यौहार है। भारत में इस समय वर्षा ऋतु होने के कारण, इस समय प्रकृति चारों तरफ हरियाली की चादर सी बिछा देती है, तो प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित होकर नाच उठता है।

Hariyali Teej
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हरियाली तीज पर विवाहित महिलाएं नए कपड़े, गहने पहन कर अपने मायके / पीहर जातीं हैं। महिलाएं पारम्परिक परिधान और पूर्ण श्रृंगार धारण किए समूह में लोक गीतों को गा-गाकर झूले का आनंद लेतीं हैं।

FAQ – Hariyali Teej

हरियाली तीज पर किसकी पूजा होती है?

इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए मां पार्वती और शिव जी की पूजा अर्चना करके व्रत रखती हैं।

सावन में तीज क्यों मनाई जाती है?

पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. ऐसी मान्‍यता है कि कठोर तपस्‍या के बाद इसी दिन मां पार्वती का विवाह भगवान शंकर से हुआ था. मां पार्वती की तपस्‍या से प्रसन्‍न होकर भगवान शंकर ने श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को मां पार्वती से विवाह किया

हरियाली तीज का अर्थ क्या है?

हरियाली तीज का पर्व सावन मास में आता है, जो भगवान शिव व माता पार्वती की अराधना व उन्हें समर्पित उपवास करने के लिए बेहद पवित्र महीना माना जाता है। हरियाली तीज का पर्व माता पार्वती और भगवान शिव पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस दिन सुहागिनें माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।

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Reference
Hariyali Teej

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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