इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं? आयुर्वेद अनुसार इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय – How to boost immunity through Ayurveda

इम्युनिटी क्या है? – What is Immunity?

जिवविज्ञान में शरीर की सूक्ष्म जीवों से और उनसे होने वाले रोगों से लड़ने की क्षमता को “रोगप्रतिकारक शक्ति” जिसे अंग्रेजी में इम्युनिटी भी कहते है। इम्युनिटी हमें सूक्ष्म जीवों से होने वाले इन्फेक्शन से बचाती है। हर कोई व्यक्ति जन्म जात रोग प्रतिकारक शक्ति के साथ पैदा होता है, जो की बहुत कमजोर होती है और आगे जाकर बढ़ती है। इम्युनिटी जिंदा रहने के लिए अनिवार्य है। बढ़ते शहरी करण और औधोगिकरण की वजह से हमारे आसपास के वातावरण में कई बदलाव आते है, जिनकी वजह से नए रोगों की उत्पत्ति हो रही है। ऐसे हालत में रोगों से बचने के लिए हमें हमारे शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाना अनिवार्य है। आयुर्वेद में इम्युनिटी (रोगप्रतिकारक शक्ति) का वर्णन कई अलग अलग शब्दों से किया गया है जैसे की बल, ओजस और व्याधी क्षमत्वा।

इम्युनिटी क्यों महत्व है? – Why is Immunity important?

“स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं।”

ayurveda anusar immunity

                चरक संहिता में आचार्य चरक बताते है की स्वस्थ लोगो के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगिओं के रोग का नाश करना यह आयुर्वेद का मुलभुत सिद्धांत है। स्वस्थ लोगो के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए उनकी रोग प्रतिकारक शक्ति बनाये रखना जरूरी है। अगर रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर होगी तो व्यक्ति के शरीर में रोगों की उत्पत्ति होगी। रोगों का अभाव एवं बेहतर रोग प्रतिकारक शक्ति की मदद से दीर्घ एवं सुखी जीवन की प्राप्ति हो सकती है। आज हम देखेंगे की अपनी इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं और आयुर्वेद अनुसार इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय।

यहाँ पढ़ें : आयुर्वेदा के अनुसार दिनचर्या

इम्युनिटी को असर करने वाले तत्व – Factors affecting Immunity

हमारे शरीर में इम्युनिटी कई तत्वों पर निर्धारित रहती है। हमारी इम्युनिटी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले कई घातक नीचे दिखाए गए है जिसका हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए:

ayurveda anusar immunity

१. असंतुलित आहार: पोषण असंतुलित आहार का सेवन करने से शरीर में दोष की स्थिति असंतुलित होती है और इम्युनिटी कमजोर पड जाती है। माना जाता है की प्रोसेस्ड शुगर और आर्टिफीसियल फ्लेवरिंग के अतिरिक्त उपयोग से भी इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाती है।

२. शराब का अत्यधिक सेवन: शोधकर्ताओं के अनुसार अतिरिक्त प्रमाण में शराब का सेवन करने से हमारी इम्युनिटी सामान्य रोगजनकों के सामने भी कमजोर पड़ जाती है।

३. अनियमित निद्रा: माना जाता है की अनियमित निद्रा करने पर भी हमारी इम्युनिटी कमजोर पड जाती है। आयुर्वेदानुसार अनियमित निद्रा करने से हमारे शरीर में दोषों का संचय होता है और व्यधिओ की उत्पत्ति होती है।

४. अत्यधिक मानसिक तनाव: मानसिक तनाव अथवा मेन्टल स्ट्र्रेस से शरीर में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हॉरमोन) लेवल बढ़ जाते है जिसकी वजह से भी हमारी इम्युनिटी पर बहुत बड़ा असर पड़ता है।

५. मोटापा: शोधकर्ताओं के अनुसार मोटापा से पीड़ित मरीज़ों में इम्युनिटी कमजोर पड़ जाती है, जिसका अभी तक कोई ठोस कारण नहीं पता चला है।

६. कई एलोपैथिक दवाईयाँ: एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड जैसी एलोपैथिक दवाओं से भी हमारी इम्युनिटी कई हद तक कमजोर पड जाती है।

७. डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी की वजह से हमारे शरीर के धातुओं (बॉडी टिश्यू) को पोषण नहीं मिलता है और ओजस का ठीक प्रमाण में निर्माण नहीं होता, जिससे हमारी रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर पड जाती है।

आयुर्वेद की मदद से इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं? – How to boost Immunity using Ayurveda?

लोगों के मन मे अक्सर यह सवाल पैदा होता है की इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं? तो चलिए देखते है आप अपनी इम्युनिटी कैसे बढ़ा सकते है।

आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने के कई उपाय और तरीके बताये गए है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सबसे पहले जीवनशैली में बदलाव अनिवार्य है। गलत जीवनशैली की वजह से कई सारे रोगों की उत्पत्ति होती है। बेहतर जीवनशैली से ही बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए एवं प्रतिदिन योगा और व्यायाम करना चाहिए। समय सर और पर्याप्त निद्रा लेनी चाहिए।

यहाँ पढ़ें : ऋतुचर्या : आयुर्वेद की दृष्टि से

सभी ६ स्वाद (षडरस) से भरपूर एवं सभी दोषों को संतुलित करने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। दैनिक आहार में सभी मसाले एवं सब्जिओ का समावेश करना चाहिए। नियमित तौर पे हर एक महीने में एक बार उपवास करना चाहिए। उपवास करने से हमारे पाचन मार्ग की सफाई होती है।

आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने और बुढ़ापे को स्थगित करने के लिए रसायन का उपयोग किया जाता है। बेहतर इम्युनिटी और लंबी आयु के लिए ऐसी रसायन औषधीया जैसे की अश्वगंधा, आमला आदि का सेवन करना चाहिए।

आयुर्वेद अनुसार इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय – Ayurvedic ways to boost your immunity

जैसे की हमने देखा स्वस्थ जीवन के लिए अच्छी इम्युनिटी आवश्यक है, चलिए देखते है कुछ आयुर्वेद अनुसार इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय।

इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय – गर्म पानी:

ayurveda anusar immunity - garam pani

दिन की शुरुआत हमेशा गरम पानी से करनी चाहिए। सुबह उठकर सबसे पहले एक गिलास गरम पानी पिने से शरीर में ऊर्जा आती है एवं पाचनतंत्र साफ़ हो जाता है। गरम पानी का सेवन करने से पाचनतंत्र में स्थित कई बैक्टीरिया एवं सूक्ष्म जीवों का नाश होता है। इसके अतिरिक्त, गरम पानी रक्त प्रवाह को भी बढ़ाता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय – च्यवनप्राश:

ayurveda anusar immunity

आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का उपयोग बहुत लोक प्रिय है। च्यवनप्राश न ही केवल इम्युनिटी बढ़ाता है पर इसके ओर कई फायदे है। च्यवनप्राश बनाने में तकरिब्बन ५० अलग अलग औषधियो का उपयोग होता है जिसमे आमला प्रधान है। आमला विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सिडेंट्स का भरपूर स्रोत है, जो की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करते है। च्यवनप्राश कोई भी आयुर्वेदिक अथवा मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जायेगा। च्यवनप्राश का प्रतिदिन १-२ चम्मच दो बार सेवन करने से इम्युनिटी बढ़ती है। अगर आप चाहे तो च्यवनप्राश की जगह रोज एक आमला भी खा सकते है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी व्यक्ति च्यवनप्राश का सेवन कर सकता है। बच्चों को दिन में १ चम्मच दो बार और बड़ों को २ चम्मच दो बार च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए। 

इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय – गिलोय:

ayurveda anusar immunity

गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग कई रोगों के इलाज के लिए सदियों से किया जाता है। यह औषधि ज्यूस एवं टेबलेट स्स्वरुप में आती होती है, जो की किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जाएगी। गिलोय का प्रतिदिन उपयोग करने से इम्युनिटी बढ़ती है। गिलोय एंटीऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत है जो की फ्री-रेडिकल्स को कम करता है और रोगों से बचाता है। गिलोय टेबलेट्स गिलोय घनवटी के नाम से बाजार में उपलब्ध है। बच्चों को दिन में आधी टेबलेट दो बार और बड़ों को एक टेबलेट दो बार लेनी चाहिए।

 इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय – अश्वगंधा:

ayurveda anusar immunity

अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है। अश्वगंधा का मतलब होता है अश्व (घोड़े) जैसी सुगंध वाला। आयुर्वेद अनुसार अश्वगंधा एक रसायन औषधि है और इसे “सात्विक कफ रसायन” भी कहते है। अस्वगंधा के मूल एवं पत्तों के चूर्ण का उपयोग रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। अस्वगंधा का प्रतिदिन सेवन करने से इम्युनिटी बढ़ती है। अश्वगंधा सेल मीडिएटेड इम्युनिटी को बढ़ा कर शरीर की रोगों से रक्षा करता है। अश्वगंधा चूर्ण एवं टेबलेट रूप में किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जायेगा। अश्वगंधा को घी, शहद या फिर पानी के साथ लिया जाता है।

इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय – तुलसी:

ayurveda anusar immunity

तुलसी एक ऐसा इम्युनिटी बूस्टर है जो आम तौर पर सभी घरों के आंगन में पाया जाता है। तुलसी की तीन प्रजातियाँ पायी जाती है – राम तुलसी, कृष्ण तुलसी और वन तुलसी। तुलसी में विटामिन सी और ज़िंक जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते है जो की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते है। इसके अतिरिक्त, तुलसी में अपार एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो हमें कई तरह के संक्रमणों से बचाते हैं। तुलसी के पत्तों का रस टी हेल्पर सेल्स और नेचुरल किलर सेल्स की गति विधि को बढ़ाता है, जिससे इम्युनिटी बढ़ती है।

तुलसी के पत्ते को अच्छे से साफ करके उसको मिक्सर ग्राइंडर की मदद से अच्छे से ग्राइंड करके और कपड़े से छान के उसका रस निकाल ले। दिन में ५-१० मि.ली तुलसी के रस का सेवन करे।

इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय – हल्दी:

ayurveda anusar immunity

ठंड और फ्लू की सीजन में हल्दी का सेवन ज़्यादा करना चाहिए। हल्दी एक प्राकृतिक औषधि है जो शरीर की इम्युनोमोड्यूलेटिंग क्षमता को बढ़ाकर इम्युनिटी को मजबूत बनाने में मदद करती है। हल्दी का उपयोग आहार के साथ साथ दूध एवं चाय में डालकर भी किया जा सकता है। गलसुओ की सूजन, गले में ख़राश आदि समस्याओं में गरम पानी में हल्दी डालकर कुल्ले करने की सलाह दी जाती है।

इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय – इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा:

अंत में हम सीखेंगे एक इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा जो हमें कठोर परिस्थितिओं में भी हमारी इम्युनिटी कायम रखने में मदद करेगा।

ayurveda anusar immunity

            

एक पतीले में २ गिलास पानी ले और अजवाइन के अलावा उपरोक्त सभी औषधीय डाल दे। फिर आधा काढ़ा (१५० मिली) बचे तब तक उसे गैस स्टोव पर मध्यम ताप पर उबाले और बादमे उसको छन्नी से छान ले। बाद में गुनगुना होने के बाद उसमे आधा चम्मच अजवाइन डालकर सेवन करे। इस काढ़े को रोज सुबह खाली पेट लेना है। काढ़ा लेने के बाद एक घंटे तक कुछ नहीं खाना है।

सेवन की मात्रा:

  • बड़ों के लिए ५० मिली
  • बच्चों के लिए २० मिली

ध्यान दे: अत्यधिक मात्रा में काढ़े का सेवन करने से अलसर जैसी बीमारियाँ हो सकती है। अगर आप ऐसी कोई बिमारिओ से पीड़ित है तो कृपया आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना इनका सेवन न करे।

Reference –

  

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment