दो सांपों की कहानी । पंचतंत्र । मालविका जोशी। सागरिका बैनर्जी
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दो सांपों की कहानी पंचतंत्र की कहानी | two snakes story Panchtantra ki kahani in Hindi
एक राजकुमार था, जिसके पेट में एक सांप रहता था। इस कारण उसका स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता था। राज वैद्य की काफी कोशिशों के बावजूद वह ठीक नहीं हो पा रहा था। अपनी बीमार अवस्था से परेशान होकर राजकुमार ने अपना महल छोड़ दिया और दूसरे राज्य में जाकर मंदिर में रहने लगा।
उस राज्य के राजा की दो बेटियां थी। एक दिन उसकी बड़ी बेटी ने उससे कहा, “पिता जी आपने हमें सारी दुनिया की खुशियां दी है।”
छोटी राजकुमारी ने बोला, “मुझे लगता है जो हमें मिला वह हमारी किस्मत में था।”
राजा को इस बात पर गुस्सा आ गया और उसने अपने मंत्रियों को आदेश दिया, “छोटी राजकुमारी की किसी भी अजनबी से शादी करा दो और उन दोनों को राज्य से बाहर निकाल दो।”
मंत्रियों ने राजकुमारी की शादी राजकुमार से करा दी और उन दोनों को राज्य से बाहर निकाल दिया। रास्ते में राजकुमार को थोड़ी थकान महसूस हुई। राजकुमारी ने अपने पति को आराम करने की सलाह दी और खुद भोजन की व्यवस्था करने चली गई।
जब वह वापस आई तो उसने देखा एक सांप उसके पति के मुंह से निकल रहा है और दूसरा सांप पास की एक बांबी से बाहर आ रहा है। वह छिपकर उन दोनों की बातें सुनने लगी।
बांबी से बाहर निकलता हुआ सांप बोला, “अब तो राजकुमार को छोड़ दो! अगर किसी दिन उसने जीरे के बीच खा लिए तो तुम मर जाओगे।”
राजकुमार के शरीर में रहने वाले सांप ने जवाब दिया, “अगर ऐसी बात है तो तुम क्यों उस बांबी मे रहकर सोने के सिक्कों से भरे मटको की रखवाली करते हो। कोई उबलता हुआ तेल बांबी में डालकर तुम्हारी जान भी तो ले सकता है।”
आपस में बहस करने के बाद दोनों सांप अपने-अपने घर चले गए। राजकुमारी ने अपने पति को जीरे का बीज खिला दिया और बांबी में खोलता हुआ तेल डाल दिया। दोनों सांपों को मार कर उसने अपने पति की जान बचाई।
फिर दोनों ने बांबी में छिपे सोने के सिक्के वाली मटकिया निकाल ली और उसे लेकर राजकुमार के महल लौट गए। दोनों वहां खुशी-खुशी रहने लगे।
नैतिक शिक्षा :– भाग्य का लिखा आपको मिलकर ही रहता है।