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Sabse bada kaun jatak katha in hindi
बहुत समय पहले की बात है एक हाथी, एक बंदर और एक तीतर में गहरी दोस्ती थी।
वे एक विशाल वट वृक्ष की छाया में मिलते बतियाते थे। एक बार उनमें बात चली कि कौन उनमें से अवस्था में सबसे बड़ा है, जिससे वे उसका यथोचित् आदर करें।
हाथी ने कहा कि जब वह छोटा था, इस बरगद की सबसे ऊपर की शाखा से अपना पेट खुजा सकता था।
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बंदर ने कहा कि बचपन में हाथ बढ़ाकर बरगद की फुनगी (सबसे ऊपर की शाखा) की पत्तियाँ खा सकता था तीतर ने कहा कि उसके बचपन में एक और विशाल बरगद था।
जिसके फल को खाकर जहाँ पर यह बरगद खड़ा है, उसने बीट की थी। उस बीट में बरगद के बीज से इस बरगद का जन्म हुआ।
इस वार्तालाप से यह सिद्ध हुआ कि तीतर सबसे बड़ा है और हाथी और बंदर ने उसका सम्मान किया।
यह तीतर ही अनेक जन्मों के पश्चात् कपिलवस्तु में महाराज शुद्धोदन और महारानी माया के पुत्र सिद्धार्थ के रूप में जन्मा, जिसे अब सब शाक्य मुनि गौतम बुद्ध के रूप में जानते हैं।
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