जगत के रंग क्या देखूं: भजन | Jagat Ke Rang Kya Dekhun | Hindi Devotional Song

जगत के रंग क्या देखूं: भजन | Jagat Ke Rang Kya Dekhun

Jagat Ke Rang Kya Dekhun
Jagat Ke Rang Kya Dekhun

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जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥

नहीं चाहिए ये दुनियां के,
निराले रंग ढंग मुझको,
निराले रंग ढंग मुझको ।
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
तेरा श्रृंगार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं…॥

जगत के साज बाजों से,
हुए हैं कान अब बहरे,
हुए हैं कान अब बहरे ।
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
मधुर वो तान काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं…॥

जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का ।
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
श्याम परिवार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं…॥

जगत की झूटी रौनक से,
हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी ।
चले आओ मेरे मोहन,
दरश की प्यास काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं…॥

जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥

Jagat Ke Rang Kya Dekhu | Khatu Shyam Bhajan | Tera Jaat Khadya Muskave | Jaya Kishori

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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