- योगा शुरु करने के लिए कुछ सरल आसन इस प्रकार हैं – Easy asana’s for beginners in Yoga
- 1. ताड़ासन से करें योग की शुरुआत – Tadasana
- ताड़ासन करने के फायदे
- 2. सुखासन से करें योग की शुरुआत – Sukhasana
- सुखासन के फायदे
- 3. बालासन से करें शुरुआत – Balasana
- बालासन करने के फायदे
- 4. वृक्षासन से करें योग की शुरुआत- Vrikshasana
- वृक्षासन के फायदे
- 5. भुजंगासन से करें योग की शुरुआत – Bhujangasana
- भुजंगासन के फायदे
- 6. त्रिकोणासन से करें शुरुआत – Trikonasana
- त्रिकोणासन के फायदे
भारतीय इतिहास मे प्राचीन काल से ही योगा का बहुत महत्व रहा है। योग एक बहुत सरल तरीका है शरीर को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने का। योगा के लाभ के कारण धीरे- धीरे इसका महत्व बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक इंसान योग करना चाहता है लेकिन इसके कुछ आसन कठिन होते हैं। जिनकी वजह से ये सब नही कर पाते। योगा का पूर्ण रुप से लाभ लेने के लिए आपको सभी योगासन आने चाहिए।
योग के अतिरिक्त (एडवांस) आसन को करने के लिए आपको प्रशिक्षक की ज़रुरत होती है। लेकिन इससे पहले आपको आरंभ के आसन जानने और करने आने चाहिएं। अगर आप योगा के बारे मे जानना और इसे करना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए है। इस लेख मे हम आपको शुरुआत के कुछ योग के बारे मे बता रहे हैं।
योगा शुरु करने के लिए कुछ सरल आसन इस प्रकार हैं – Easy asana’s for beginners in Yoga
हम आपको कुछ सरल आसन बता रहे हैं जिन्हे आप आसानी से कर सकते हैं।
· ताड़ासन
· सुखाआसन
· बालासन
· वृक्षासन
· भुजंगासन
· त्रिकोणासन
1. ताड़ासन से करें योग की शुरुआत – Tadasana
ताड़ासन आपको पहाड़ के समान खड़ा रहना सिखाता है। इसमे “ताड़ा” का अर्थ “जहाँ” होता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक मैट बिछा लें। और उसके उपर सीधे खड़े हो जाएं। याद रहे आपके पैरों के बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए। अब अपने दोनो हाथों को आसमान की तरफ सीधा करें।
दोनो हाथों की उँगलियां आपस मे जुड़ी होनी चाहिए। अब दोनो हाथों की हथेलियों को उल्टा कर लें। इसका मतलब है कि आपकी हथेलियां आसमान की तरफ होनी चाहिए। अब अपने पैरों को एड़ियों से उठाकर पंजों के बल खड़े हो जाएं और हाथों को भी उपर की ओर ही रखें। कुछ सेकेंड के लिए इसी अवस्था मे रहें। फिर हाथों को नीचे करके सामान्य अवस्था मे आ जाएं।
ताड़ासन करने के फायदे
ताड़ासन करने के निम्न फायदे हो सकते हैं।
लंबाई बड़ाता है – यह आसन करने से पैरों, उंगलियों और शरीर के अन्य हिस्सो मे खिचाव होता है जिससे आपकी लंबाई बड़ती है।
मासिक धर्म मे फायदे – ताड़ासन करने से महिलाओं मे मासिक धर्म मे अनियमितता की समस्या दूर हो जाती है। और उनका पीरियड समय पर आता है इसलिए महिलाओं को इसे ज़रुर करना चाहिए।
मजबूती प्रदान करता है – शरीर के टखनों, पैरों, घुटने, जांघे एवं भुजाओं मे मजबूती आती है।
यहाँ पढ़ें : ताड़ासन क्या है
ताड़ासन के लिए सावधानियां
अगर आपको नीचे दी गई समस्याएं है तो इस आसन को न करें।
सिर दर्द
अनिंद्रा ( नींद ना आना)
निम्न रक्तचाप
गर्भवती महिलाएं न करें।
2. सुखासन से करें योग की शुरुआत – Sukhasana
सुखासन योग करने के लिए सबसे पहले योगा मैट को बिछा कर उस पर पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दो लंबी सांसे लें। फिर बाएं पैर को मोड़ें और दाएं पैर की जांघ पर या घुटने के नीचे जहां आपको आसानी हो रखें। अब दाएं पैर को मोड़े और बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें।
अपने सिर और गर्दन को बिना खिचाव के सीधा रखें। तथा दोनो हाथों को ध्यान मुद्रा मे घुटनो पर रखें। शरीर को आरामदायक स्थिति मे रखें। और आंखे बंद करके 10 से 12 मिनट या अपनी क्षमता के अनुसार करें।
सुखासन के फायदे
· इस योग को करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
· सुखासन को करने से आप अपने सीने की चौड़ाई को बढ़ा सकते है।
· दिमाग को स्वस्थ रखने और ध्यान को केंद्रित करने मे यह योग आपकी मदद करता है।
· इस योग से आप अपनी मुद्रा स्थिति को सुधार सकते हैं।
· इससे आपकी पीठ को ताकत मिलती है।
· इससे आपके पैरों, पिंडलियों और जांघों को मजबूती मिलती है।
यहाँ पढ़ें : सुखासन क्या हैं
सुखासन के लिए सावधानियां
· अगर आपके कुल्हों या घुटनो मे दर्द या सूजन है तो इसे न करें।
· अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से मे दर्द हो तो इसे न करें।
3. बालासन से करें शुरुआत – Balasana
इस आसन को करने के लिए मैट बिछा कर उस पर घुटनो के बल बैठ जाएं। दोनो टखनो और एड़ियों को आपस मे मिला लें। धीरे- धीरे अपने घुटनों को जितना संभव हो बाहर की तरफ फैलाएं। फिर गहरी सांस खीचकर आगे की तरफ झुकें। पेट को दोनो जांघो के बीच मे लाकर सांस छोड़ें।
अब कमर के पीछे के हिस्से मे त्रिकास्थि/ सैक्रम को चौड़ा करें। कुल्हे को सिकोड़तो हुए नाभी की तरफ खींचने की कोशिश करें। फिर सिर को गर्दन के थोड़ा पीछे उठाने की कोशिश करें। हाथों को आगे की तरफ लाएं और अपने सामने रख लें। दोनो कंधो को फर्श से छुआने की कोशिश करें। अब इस स्थिति मे 30 सेकेंड से कुछ मिनट तक रहें।
बालासन करने के फायदे
· सीने, कमर और कंधो के दर्द मे राहत मिलती है।
· यह आपकी रोज़मर्रा की थकान को दूर करता है।
· यह तनाव और एंजाइटी को दूर करने मे भी मदद करता है।
· यह आपके पेट के अंदर के अंगो की भी मसाज करता है।
· यह लोअर बेक और गर्दन के दर्द को भी कम करता है।
· यह आसन टखनो, हिप्स और जांघो को स्ट्रैच करने मे मदद करता है।
यहाँ पढ़ें : बालासन योग क्या है
बालासन के लिए सावधानियां
· डायरिया या घुटने मे चोट है तो ये आसन बिल्कुल ना करें।
· हाई ब्लड प्रैशर के मरीज़ों को यह नही करना चाहिए।
· बालासन का अभ्यास करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
· शुरुआत मे बालासन को ट्रैनर की देखरेख मे ही करें।
4. वृक्षासन से करें योग की शुरुआत- Vrikshasana
मैट बिछा कर उस पर सीधे खड़े हो जाएं। धीरे-धीरे दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे बांयी जांघ पर रखें तथा इस दौरान बाएं पैर को मजबूती से ज़मीन पर टिकाए रखें। अब धीरे से सांस लेते हुए दोनो हाथों को उपर ले जाकर “नमस्कार” की मुद्रा बनाएं। किसी भी एक वस्तु पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलन बनाए रखें।
रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें इससे आपका शरीर मजबूत होने के साथ लचीला भी रहेगा। गहरी सांसे भीतर की और खीचते रहें। फिर सांसे छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। और सामान्य मुद्रा मे आ जाएं।
वृक्षासन के फायदे
· वृक्षासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
· ये शरीर मे स्थिरता और संतुलन बनाने मे मदद करता है।
· ये न्यूरो- मस्कुलर के बीच संबंध को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।
· वृक्षासन पैरों के लिगामेंट और टेंडोस को मजबूत बनाता है।
वृक्षासन के लिए सावधानियां
· इंसोम्निया के मरीज़ इस आसन को न करें।
· माइग्रेन की समस्या होने पर भी यह आसन नही करना चाहिए।
· हाई ब्लड प्रैशर के मरीज़ो को यह आसन करते हुए हाथों को उपर की तरफ नही उठाना चाहिए वे हाथों को सीने पर या “अंजली मुद्रा” मे रख सकते हैं।
5. भुजंगासन से करें योग की शुरुआत – Bhujangasana
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट बिछा कर पेट के बल लेट जाएं फिर हथेली को कंधे के सीध मे रखें। आपके दोनो पैरों के बीच दूरी नही होनी चाहिए तथा पैर तने हुए होने चाहिएं। इसके बाद सांस ले और छाती को उपर की उठाएं। इस बात का भी ध्यान रखें की कमर पर ज्यादा खिचाव न आए। कुछ देर इसी अवस्था मे रहकर गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था मे आ जाएं।
भुजंगासन के फायदे
· यह पीठ दर्द के लिए लाभकारी आसन है।
· इस आसन से छाती चौड़ी होती है इसलिए लड़को के लिए यह बहुत उपयोगी है।
· यह पैनक्रियाज़ को सक्रिय करता है जिससे सही मात्रा मे इंसुलिन बनने लगता है।
· इस आसन के अभ्यास के बाद आपको जल्दी थकान नही होती।
भुजंगासन मे सावधानियां
· यदि इस आसन को करते समय आपको पेट मे या शरीर के किसी अन्य भाग मे अधिक दर्द होता है तो इस आसन को न करें।
· जिस व्यक्ति को पेट का घाव या आंत की बीमारी हो, वो इस आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले।
· इस आसन को करते समय पीछे की तरफ ज्यादा न झुकें, इससे मास पेशियों मे खिचाव आ सकता है।
6. त्रिकोणासन से करें शुरुआत – Trikonasana
मैट पर सीधे खड़े हो जाएं फिर दोनो पैरों के बीच 3.5 से 4 फीट तक गैप कर लें। दाहिना पैर 90 डिग्री पर बाहर की ओर बाएं पैर को 15 डिग्री पर रखें। अब अपनी दाहिने एड़ी के केंद्र को बाएं पैर के आर्च के केंद्र की सीध मे रखें। ध्यान रहे की आपका पैर ज़मीन को दबा रहा हो।
आपके शरीर का वज़न दोनो पैरों पर समान होना चाहिए। इसके बाद सांस छोड़ते हुए शरीर को हिप्स के नीचे से दाहिने तरफ मोड़ें। बाएं हाथ को उपर उठाएं और दाहिने हाथ से ज़मीन को स्पर्श करें। लंबी गहरी सांस लेते रहें। अब इसी प्रक्रिया को बाएं तरफ करें।
त्रिकोणासन के फायदे
· ये आपके घुटनों, टखने, पैरों, सीने और हाथों को मजबूत बनाता है।
· यह आपके हिप्स, ग्रोइन, हैमस्ट्रींग, पिंडली, सीने, स्पाइन और कंधों को स्ट्रैच देता है।
· ये शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बड़ाने मे मदद करता है।
· ये पाचन मे सुधार करता है और पेट के निचले अंगो को उत्तेजित करता है।
त्रिकोणासन मे सावधानियां
· अगर आपको गर्दन मे समस्या है तो, उपर देखने की बजाय सामने की तरफ देखें। दिल के मरीज़ हिप्स पर टॉप आर्म रखकर दीवार के सहारे से इस आसन को करें।
· लो ब्लड प्रैशर, डायरिया और सिरदर्द की समस्या पर इस आसन को न करें।