बालासन योग को चाइल्ड पोज़ (Child pose) भी कहा जाता है। बाला एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है “बच्चा” जबकि आसन का अर्थ होता है “बैठना” इसलिए इसका शाब्दिक अर्थ होता है बच्चे की तरह बैठने वाला आसन। यह योग करते समय शरीर उसी स्थिति मे आ जाता है जिस स्थिति मे बच्चा मां के गर्भ होता है। इसलिए इस आसन को करने से आपको उतना ही आनंद मिलता है जितना एक बच्चे को मां के गर्भ मे मिलता है।
What is balasana in Yoga – बालासन योग क्या है?
बालासन को विन्यास शैली का योग कहा जाता है। बालासन का अभ्यास निरंतर एक से तीन मिनट तक होना चाहिए। बालासन करने से आपके हिप्स, टखने और जांघो मे खिचाव पैदा होता है। इसके साथ कमर, गर्दन और कंधो को मजबूती मिलती है।
अगर इस आसन का अभ्यास गुरुत्व बल के विपरीत किया जाए तो आपको मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक लाभ मिलता है। बालासन को तेजी से सांस लेते समय करना चाहिए।
बालासन करने से आपके शरीर मे कई प्रकार से लाभ होता है। जिससे आप स्वस्थ रह सकते है इसलिए इस लेख मे हम आपको बालासन की पूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
Benefits of Balasana – बालासन करने से होने वाले फायदे
बालासन करने से आपके पूरे शरीर मे खिचाव होता है जिससे आपको दर्द की समस्या से मुक्ति मिलती है यह आसन आपको शारीरिक लाभ तो पहुँचाता ही है, इसके साथ- साथ आपको मानसिक और भावनात्मक सुख की भी अनुभूति होती है। क्योंकि इस आसन को करते समय आपको शांति मिलती है और वैसे ही सुख की अनुभूति होती है जैसे गर्भ मे एक शिशु को होती है। इसके अलावा भी इसके बहुत से फायदे होते हैं।
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1. बालासन का निरंतर अभ्यास करने से आपको ऊर्जा और शांति मिलती है। जिससे आपको आराम और ताज़गी महसूस होती है।
2. बालासन करने से आपकी रीढ़ की हड्डी या स्पाइनल कॉलम मे राहत मिलती है।
3. यह आसन करने से आपका पीठ का दर्द ठीक होता है और मासपेशियों को राहत मिलती है।
4. इससे आपके कंधे, कमर और गर्दन के दर्द मे बहुत राहत मिलती है।
5. बालासन योग करने से आपके घुटनो मे भी खिचाव आता है और घुटनो के दर्द मे राहत मिलती है।
6. इस योग को करने से पैरों की मासपेशियों के साथ जोड़ भी हील होते है।
7. क्योंकि इस योग की आकृति भ्रूण के आकार की होती है इसलिए इसमे आपके शरीर को उतना ही आराम मिलता है जितना भ्रूण को मां के गर्भ मे मिलता है।
8. इस आसन को नियमित रूप से करने से आपके मन मे सकारात्मक विचारों का संचार होता है। तथा इसके साथ- साथ मन के नकारात्मक विचारो का भी नाश होता है।
9. बालासन करने से सीने, कमर और कंधो के दर्द मे राहत मिलती है।
10. दिन भर के काम से हुई थकान और बड़ते तनाव को बालासन से दूर किया जा सकता है।
11. बालासन के नियमित रूप से अभ्यास करने से आपका तनाव और एंज़ाइटी की समस्या भी दूर होती है।
12. इसके निरंतर अभ्यास करने से आपके पेट के अंदर के अगों की भी मसाज होती है। तथा पेट के अंदर के अंग अच्छे से काम करने लगते हैं।
13. बालासन करने से आपके स्पाइन को खिचाव मिलता है। तथा इससे आपके लोअर बैक और गर्दन के दर्द से मुक्ति मिलती है।
14. बालासन करने से आपके पूरे शरीर मे रक्त का संचार बढ़ता है।
15. इस योग को करने से मसल्स, टेंडोस और घुटनो के लिंगामेंट की स्ट्रैचिंग मे मदद मिलती है।
16. इस आसन से आपको सांस लेने मे आसानी होती है और आपको शांति महसूस होती है।
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Things to remember – बालासन करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
बालासन करने से आपको स्वस्थ रहने मे मदद मिलती है इसलिए आपको इसका रोज़ अभ्यास करना चाहिए। साथ ही साथ इस आसन को करते समय आपको कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जैसे- जहां तक संभव हो बालासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही करें। क्योंकि सूर्योदय का समय सबसे अधिक लाभदायक होता है।
लेकिन अगर शाम के वक्त आप ये आसन कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें की आपने योग करने से 4 से 6 घंटे पहले तक कुछ नही खाया हो। तथा इस बात का भी ध्यान रखें कि आसन करने से पहले आपने शोच कर लिया हो और आपका पेट खाली हो।
Steps to do Balasana – बालासन करने का सही तरीका
आमतौर पर योगा करते समय आपको लंबी सांसे लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन प्राकृतिक रुप से ऐसा करना अधिकांशत: संभव नही हो पाता। इस आसन को करने के दौरान आपका शरीर पहले ही लंबी सांसे लेना शुरु कर देता है।
इस आसन का निरंतर अभ्यास करने से आप भविष्य मे रीढ़ की हड्डी मोड़ कर किए जाने वाले सभी आसन भी आराम से कर पाएंगे। क्योकिं इससे आपका शरीर लचीला हो जाता है जिससे आप सभी आसन आराम से कर सकते हैं।
इस योग को करने के लिए
1. सबसे पहले एक योगा मैट बिछाएं। और अब इस पर घुटनो के बल बैठ जाएं।
2. अब दोनो पैरों को आपस मे मिला लें। आपके टखने और एड़िया आपस मे मिलने चाहिएं।
3. फिर धीरे- धीरे अपने घुटनो को बाहर की तरफ फैलाएं और गहरी सांस लेते हुए आगे की तरफ झुकें।
4. पेट को दोनो जांघो के बीच ले जाएं और सांस छोड़ दें।
5. अब कमर के पीछे के हिस्से सैक्रम को चोड़ा करें।
6. फिर हिप्स को सिकौड़ते हुए नाभी की तरफ खींचने की कोशिश करें।
7. तथा टेबलोन को पेल्विस की तरफ खींचने की कोशिश करें।
8. अब हाथों को सामने की तरफ लाकर इन्हे बिल्कुल सीधा कर लें। आपके हाथ घुटने की सीध मे ही रखें।
9. अपने दोनो कंधो को ज़मीन से स्पर्श करने की कोशिश करें। ध्यान रखें की आपके कंधो का खिचाव शोल्डर ब्लेड से पूरी पीठ पर महसूस होना चाहिए।
10. अब इसी अवस्था मे एक मिनट तक रहने की कोशिश करें।
11. अब धीरे- धीरे सांस लेते हुए सामान्य अवस्था मे आ जाएं।
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Precautions for balasana – बालासन करते समय सावधानियां
बालासन करने से आपको कई प्रकार से लाभ मिलता है और यह आपको शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक रूप से भी शांति प्रदान करता है। लेकिन फिर भी यह योग करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। अगर आपको नीचे दी गई समस्याएं हैं तो आप बालासन का अभ्यास न करें।
1. अगर आपको डायरिया है या आपके घुटनों मे चोट हो तो इस आसन को बिल्कुल भी न करें।
2. अगर आपने बालासन की शुरुआत पहली बार की है तो किसी ट्रैनर की देखरेख मे ही करें। और जब संतुलन बनने लगे तब आप इस आसन को खुद भी कर सकते हैं।
3. बालासन करते समय अगर आपको झुकने मे परेशानी हो तो फर्श पर तकिया लगा लें।
4. हाई ब्लड पैशर के मरीज़ो को इस आसन को बिल्कुल नही करना चाहिए।
विशेष – बालासन करने से आपके शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है इससे आपके कमर, पीठ, कंधो आदि के दर्द मे बहुत राहत मिलती है लेकिन यह आसन किसी समस्या का मेडिकल इलाज नही हो सकता। इसलिए अगर आपको कोई समस्या है तो आपको डॉक्टर से सलाह ज़रुर लेनी चाहिए।
Reference
- Wikipedia Balasana