सत्यवान और सावित्री की कहानी | satyawan sawitri ki kahani | Savitri and Satyavan story in hindi | सावित्री एवं सत्यवान | vat savitri vrat katha
राजकुमारी सावित्री को सत्यवान नाम के एक निर्धन युवक से प्रेम हो गया। नारद मुनि ने उसे समझाया कि वह सत्यवान से विवाह ना करें क्योंकि उसकी मौत जल्दी होना तय है। सावित्री ने नारद की बात नहीं मानी और सत्यवान से विवाह कर लिया।
जल्द ही सत्यवान की मृत्यु का दिन आ गया। यमराज स्वयं उसे लेने आए। सावित्री ने उनसे सत्यवान के प्राण ना लेने की विनती की लेकिन यम ने कहा की मृत्यु को कोई नहीं रोक सकता।
सावित्री उनके पीछे मिलो मिल चलती गई। उसकी लगन देखकर यम बहुत प्रभावित हुए और बोले, “मैं तुम्हें दो वरदान देता हूं; तुम सत्यवान के प्राणों को छोड़कर कुछ भी मांग लो।”
सावित्री ने पहले वरदान में अपने ससुर की कुशलता की मांग की। और दूसरे वरदान में उसने चतुराई दिखाते हुए अपने लिए सौ पुत्रों की मांग कर दी। यम ने बिना सोचे समझे हां कर दी। क्योंकि बिना पति के वह पुत्र कैसे पा सकेगी। यम निरुत्तर हो गए और उन्होंने सावित्री के पति सत्यवान के प्राण लौटा दिए।
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Satyawan Sawitri Katha Full Movie – Hindi Bhakti Movies | Hindi Devotional Movie | Indian Movie
reference
Savitri and Satyavan story