New Education Policy 2020 नई शिक्षा नीति 2020 क्या है? MHRD का बदला नाम जानिए सारी जानकारी

New Education Policy 2020 नई शिक्षा नीति क्या है? मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) के मंत्री रमेश पोखरियाल और आईबी (IB) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया (Media) को यह जानकारी दी है। कि एनईपी (NEP) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। नई शिक्षा नीति क्या है हिंदी में एमएचआरडी क्या है इसका नया नाम क्या है, New Educational Policy 2020 कब से लागू होगी।

New Education Policy 2020 MHRD का बदला नाम

New Education Policy 2020 नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय (Ministry of Human Resource Management) का नाम बदल कर “शिक्षा मंत्रालय” “Ministry of Education” कर दिया गया है।

New Education Policy 2020

New Education Policy 2020 नई शिक्षा नीति के साथ अब एचआरडी मंत्रालय (Ministry of HRD) को शिक्षा मंत्रालय “Ministry of Education” कहा जाएगा। यह नीति देश के स्कूलों और उच्च शिक्षा (Schools and higher education) में परिवर्तन लाने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। इस नीति का उद्देश्य 2030 तक स्कूलों की शिक्षा मे 100 प्रतिशत जीईआर (GER) के साथ पूर्व विधालय से लेकर माध्यमिक स्तर (From pre-school to secondary level) तक शिक्षा के सार्व भौमिकरण (Universalization) का लक्ष्य है। New Educational Policy 2020 स्कूली बच्चों में से 2 करोड़ को मुख्य धारा मे वापस लाएगा।

New Education Policy 2020 नई शिक्षा नीति के अनुसार 12 साल तक की स्कूली शिक्षा और 3 साल की प्री स्कूलिंग यानी आंगनवाड़ी के साथ 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से एक नया स्कूली पाठ्यक्रम (Course) शुरु किया गया है।

यहाँ पढ़ें : नई शिक्षा नीति के 10 महत्वपूर्ण पहलू

Establishment of NEP एनईपी की स्थापना 1986 मे की गई थी। और फिर इसके बाद सन1992 में संशोधन किया गया था। छात्र और शिक्षा विद् के माध्यम से नई शिक्षा नीति (New education policy) के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 2014 के आम चुनावों (2014 general elections) मे भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के घोषणा पत्र (Manifesto) में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का वादा किया गया था।

New education policy after 34 years, 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा कर देश की 34 साल पुरानी 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली (Schools and higher education systems) मे इस तरह के सुधार करना है कि देश दुनिया मे ज्ञान की “सुपरपॉवर” (Superpower) कहलाए।

शिक्षा नीति (Education policy) के तहत पांचवी कक्षा (Fifth grade) तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा मे होगी, बोर्ड परिक्षाओं के महत्व को इसमें कुछ कम किया गया है, विधि और मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एकल नियामक का प्रावधान भी किया गया है साथ ही विश्व विधालयों में दाखिले (Admission) के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है।

What is the new education policy 2020? नई शिक्षा नीति 2020 क्या है? And when will the new education policy be implemented in 2020? और नई शिक्षा नीति 2020 मे कब लागू होगी?

new education policy 2020 नई शिक्षा नीति के बारे मे 29 जुलाई को एम एच आर डी (M H R D) मंत्री रमेश पोखरियाल ने नई शिक्षा नीति 2020 का ड्राफ्ट पेश किया है, new education policy 2020 नई शिक्षा नीति 2020 को कब लागू करना है अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नही लिया गया है।

ड्राफ्टिंग विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव (Drafting experts by former Cabinet Secretary) टी एस सुब्रमण्यम की अध्यक्षता मे पैनल और एचआरडी मंत्रालय Ministry of HRD द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया। तथा उस समय इसकी अध्यक्षता केंद्रिय मंत्री स्मृति इरानी कर रही थी।

केंद्रिय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) द्वारा बुधवार को मंजूर की गई (new education policy 2020) नई शिक्षा नीति 2020 मे कई बड़े बदलाव किए गए हैं। जिनमे शीर्ष विदेशी विश्व विधालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने की अनुमति दी गई है। इसमे छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करना और संस्थानों की दिशा में एक बड़ा कदम शामिल है। इस नीति का लक्ष्य “भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” (“India’s global knowledge superpower”) बनाना है।

2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थान का उद्देश्य बहु- विषयक संस्थान बनना होगा। जिसमे से प्रत्येक का लक्ष्य 3000 या फिर इससे अधिक छात्र होंगे।

New Education Policy 2020

नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा मे बदलाव

1. कॉलेजों के प्रत्यायन एक्रेडिटेशन (Accreditation) के आधार पर ऑटोनॉमी होगी।

2.  हायर एजुकेशन (Higher education) के लिए एक ही रेग्यूलेटर को लागू किया गया।

3.  उच्च शिक्षा (Higher education) में मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट का विकल्प रखा जाएगा।

4. पांच साल तक का कोर्स करने वालों को एमफिल में छूट का एलान किया है।

5.  सरकारी और प्राइवेट शिक्षा मानक समान रखे जाएगें।

6.  मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन को निर्धारित किया जाएगा।

7.  लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन शामिल नहीं किए जाएंगे।

8. नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन (एनआरएफ) की होगी स्थापना

9.   शिक्षा मे तकनीकी को बढ़ावा दिया जाएगा।

10.  8 क्षेत्रीय भाषाओं में ई- कोर्सेज शुरु करने की बात की गई।

स्कूल की शिक्षा मे किए गए बदलाव

स्कूली शिक्षा के क्षेत्र मे भी कई बड़े बदलाव किए गए हैं जिनके बारे मे जानकारी नीचे दी गई है।

1. 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एवं एजुकेशन (Early Child Care and Education) के बारे में निर्णय लिया गया।

2. कक्षा नवमी से बारहवी (9 से 12) की पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर कर दी गई।

3. बच्चों के लिए नए कोशल कोडिंग कोर्स शुरु किए जाने पर फैसला लिया गया।

4. एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटी Extracurricular activity को भी मेन कैरिकुलम (Main curriculum) में शामिल करने के लिए बात कही गई।

5. एनसीआरटी (NCRT) द्वारा फ़ाउंडेशन लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी (Literacy and Numeracy) पर नेशनल मिशन शुरु किया गया।

6. वोकेशनल (Vocational) पर भी जोर दिया गया अब इसकी पढ़ाई भी कक्षा 6 से शुरु होगी।

7. नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेम वर्क तैयार किया गया अब बोर्ड एग्जाम दो भाग मे किया जाएगा।

8. रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल किए जाएगें।

9. साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना।

10+2 की जगह आया 5+3+3+4 एमफिल भी खत्म

पुरानी नीति के 10+2 (दसवीं कक्षा से बारहवी कक्षा तक) के ढांचे मे बदलाव करते हुए नई नीति में 5+3+3+4 का ढाचा लागू किया गया है। इसके लिए आयु सीमा क्रमश: 3 से 8 साल तक तथा 8 से 11 साल और 11 से 14 साल तथा 14 से 18 साल तय की गई है। इसके अलावा एमफिल खत्म कर दिया गया है। निजी तथा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए समान नियम बनाए गए हैं।

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजीसी (UGC) ने विश्व विधालयों से जागरुकता फैलाने को कहा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर होगी चर्चा- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। कई गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर अपने- अपने विचार प्रस्तुत करेंगे जिनमे मसौदा एनईपी (NEP) के लिए गठित समीति के अध्यक्ष और सदस्य के साथ- साथ प्रख्यात शिक्षा विद व वैज्ञानिक भी शामिल है।

इसमे कहा गया कि विश्वविधालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक और कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं अन्य हित धारक इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

Reference

Bharat Sarkar: NEP 2020

MHRD: New Education Policy 2020

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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