न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना | Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana | Hindi Devotional Song

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना | Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana

Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun Kamana
Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun Kamana

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न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

रहे नाम तेरा वो चाहूं मैं रसना ।
सुने यश तेरा वह श्रवण चाहता हूँ ॥

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्बर ।
व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ ॥

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

करे दिव्य दर्शन तेरा जो निरन्तर ।
वही भाग्यशाली नयन चाहता हूँ ॥

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

नहीं चाहता है मुझे स्वर्ग छवि की ।
मैं केवल तुम्हें प्राण धन ! चाहता हूँ ॥

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है ।
परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ ॥

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

न मैं धाम-धरती न धन चाहती हूँ | Na Main Dham Dharti Na Dhan Chahati Hun | Mata Bhagwati Devi Bhajan

Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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