- 1.कैसे बने गणेश, हाथी भगवान | Lord Ganesha Stories in Hindi for Kids
- 2. ब्रह्मांड की परिक्रमा | श्री गणेश जी की प्रेरक कथाएं
- 3.गणेश का चूहा | गणेश और सवारी मूषक की कहानी | प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी की कहानी हिंदी में
- 4.गणेश का चंद्रमा को श्राप | बाल गणेश जी की कहानी हिंदी में
- 5. गणेश और कुबेर | Best Lord Ganesha Story in Hindi
- Lord Ganesha Stories For Kids Hindi – 5 गणेश जी की कहानियाँ – Cartoon Animated Bedtime Stories
- एक सच्ची कहानी – दो बहुओं और गणेश जी की एक अद्भुत कहानी – गणेश जी की लीला
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1.कैसे बने गणेश, हाथी भगवान | Lord Ganesha Stories in Hindi for Kids
एक दिन मां पार्वती नहाने जा रही थी, लेकिन उनकी चौकसी के लिए कोई नहीं था। उन्होंने एक बालक की रचना की और उसे कहा कि जब तक वह नहा न ले, तब तक किसी को घर के अंदर ना आने देना। उन्होंने उस बालक का नाम गणेश रखा। कुछ ही देर में शिव जी लौट कर आए।
वह गणेश को देखकर आश्चर्य में पड़ गए। गणेश ने भी उन्हें अंदर आने से रोक दिया। शिव जी को बहुत क्रोध आया। उन्होंने बालक से लेने के लिए अपने वाहन नंदी को भेजा, लेकिन गणेश ने नंदी जी को हरा दिया। क्रोध में आकर शिव जी ने गणेश का सिर काट दिया।
जब पार्वती नहा कर बाहर आई तो उन्होंने अपने बेटे को मरा पाया। वह बहुत क्रोधित हुई। शिव जी उन्हें समझाने लगे लेकिन पार्वती मां ने रोना जारी रखा। उन्होंने शिवजी से कहा कि वह हर हाल में उनके बेटे को जीवित करें।
शिव जी ने नंदी से किसी जीव का सिर लाने को कहा जो अपनी मां के विपरीत दिशा में सो रहा हो। नंदी ने उनकी आज्ञा का पालन किया और जब वे किसी जीव को ढूंढने लगे तो उन्हें एक हाथी का बच्चा मिला जो अपनी मां से विपरीत दिशा में सो रहा है तो नंदी जी उस हाथी के बच्चे का सिर ले आए। शिव जी ने गणेश के सिर पर हाथी का सिर लगा दिया और उन्हें फिर से जीवित कर दिया।

2. ब्रह्मांड की परिक्रमा | श्री गणेश जी की प्रेरक कथाएं
शिवजी और पार्वती मां की चार संताने थी –गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती कार्तिक। सबके अपने अपने वाहन थे। बुद्धि के देवता गणेश का वाहन चूहा था; धन की देवी लक्ष्मी का वाहन सफेद उल्लू था; ज्ञान की देवी सरस्वती का वाहन हंस था; युद्ध के देवता कार्तिक का वाहन मोर था। एक दिन शिवजी और पार्वती मां बैठे थे। गणेश और कार्तिक पास ही में खेल रहे थे। शिव जी ने दोनों की परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने घोषणा की कि उनमें से जो कोई पहले ब्रह्मांड की परिक्रमा कर लेगा, वही अधिक शक्तिशाली माना जाएगा।
कार्तिक तुरंत अपने मोर पर बैठे और ब्रह्मांड के चक्कर लगाने निकल पड़े। उन्होंने समुद्र, पर्वत, पृथ्वी, चंद्रमा, और आकाशगंगा, सब को पार किया। गणेश को हराने के लिए वे तेज गति से बढ़ते चले जा रहे थे। वे समझ रहे थे कि गणेश अपने भारी भरकम शरीर के साथ चूहे की सवारी करके उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे।
इस बीच, गणेश अपने माता-पिता के पैरों के पास शांति से बैठे रहे। कुछ देर बाद से उठे और उन्होंने अपने माता पिता के तीन चक्कर जल्दी से लगा लिए। जब कार्तिक लौट कर आए तो वे यह देख कर दंग रह गए की गणेश तो शिवजी की गोद में बैठ कर मुस्कुरा रहे हैं। वे हैरान थे कि गणेश उनसे पहले कैसे लौट आए। क्रोधी स्वभाव होने के कारण उन्होंने गणेश पर छल करने का आरोप लगा डाला। गणेश ने जवाब दिया कि उनके माता-पिता ही उनके लिए ब्रह्मांड है और उनके चक्कर लगाना ब्रह्मांड की परिक्रमा के ही समान है।
शिव जी गणेश के बुद्धि से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने घोषणा कर दी कि अब से कोई भी शुभ कार्य करने से पहले सब लोग गणेश की पूजा किया करेंगे। तब से लेकर आज तक ऐसी परंपरा चली आ रही है।
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3.गणेश का चूहा | गणेश और सवारी मूषक की कहानी | प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी की कहानी हिंदी में
गजमुखासुर नाम का असुर शिव का पक्का भक्त था। कठोर तपस्या करके उसने शिवजी को प्रसन्न कर लिया था। शिव जी ने उसे कुछ वरदान दे दिए। गजमुख घमंडी और शक्तिशाली बन गया था। उसने देवताओं को ही परेशान करना शुरू कर दिया था।
परेशान होकर देवों ने शिव जी से अनुरोध किया कि वे उन्हें गजमुखासुर से बचाएं। शिव जी ने गणेश को देवताओं की सहायता के लिए भेजा। गणेश धनुष बाण, तलवार और कुल्हाड़ी जैसे अस्त्र-शस्त्र लेकर गजमुखासुर को मारने चल पड़े। गणेश ने असुर को मारने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसे कुछ भी नुकसान नहीं हुआ क्योंकि उसे वरदान मिला था कि उस पर कोई भी अस्त्र-शस्त्र काम नहीं करेगा।
अंत में,गजमुखासुर ने छोटे से चूहे का रूप धारण किया और गणेश की ओर दौड़ा। गणेश जी बहुत चतुर थे। वे तुरंत उस चूहे के ऊपर बैठ गए। गजमुखासुर हार गया और अपने दुष्कर्म के लिए क्षमा मांगने लगा। तभी से गणेश जी भगवान चूहे की सवारी करने लगे।

4.गणेश का चंद्रमा को श्राप | बाल गणेश जी की कहानी हिंदी में
लंबोदर गणेश का सिर हाथी का था और उन्हें खाना बहुत प्रिय था। दिन भर खाते रह सकते थे। एक बार अपनी मनपसंद मिठाई लड्डू से पेट भर कर चांदनी रात में अपने वाहन चूहे पर सवार होकर निकल पड़े। चूहा उनका भार नहीं सहपाया और गिर पड़ा। गणेश भी धड़ाम से नीचे गिर पड़े और उनका एक दांत टूट गया। यह देखकर चंद्रमा को हंसी आ गई।
चंद्रमा को हंसता देखकर गणेश जी को क्रोध आ गया। उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि उनके जन्मदिन गणेश चतुर्थी पर जो कोई चंद्रमा की ओर देखेगा, उस पर झूठा आरोप लगाया जाएगा।
आप चंद्रमा को अपनी त्रुटि। उसने गणेश से श्राप वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन गणेश अड़े रहे। जब चंद्रमा ने बहुत विनती की तो गणेश ने अपने श्राप को वापस तो नहीं लिया, लेकिन कम अवश्य कर दिया। उन्होंने कहा कि झूठा आरोप झेलने वाला जब अगले दिन फिर से चंद्रमा को देखेगा तो उस पर से आरोप हट जाएगा।
5. गणेश और कुबेर | Best Lord Ganesha Story in Hindi
धन के देवता कुबेर एक बार शिव पार्वती से मिलने कैलाश पहुंचे। वे उन्हें अपना धन वैभव दिखाना चाहते थे इसलिए उन्होंने दोनों को भोज पर आमंत्रित किया। शिव पार्वती बोले, ” हम तो नहीं आ सकते लेकिन आप गणेश को ले जाइए, लेकिन वह बहुत अधिक भोजन करता है।” कुबेर बोले, “वह जितना मन करें उतना पा सकता है।”
जब गणेश खाने को बैठे तो वह सारा भोजन चट कर गए। इसके बाद भी वे भूखे ही रह गए तो उन्होंने बर्तन ही खाना शुरु कर दिया इसके बाद वे घर का सामान और महल भी खा गए। इसके बाद भी उनका भोजन जारी रहा और वे कुबेर का सारा साम्राज्य खा गए।
कुबेर उनसे रुकने की विनती करने लगे तो उन्होंने धमकी दे डाली, “अगर आपने मुझे भोजन नहीं दिया तो मैं आपको भी खा जाऊंगा।” कुबेर सहायता के लिए शिव के पास पहुंचे। उन्होंने शिव से अपने अहंकार के लिए क्षमा याचना की। शिव ने उन्हें एक मुट्ठी चावल दिए और कहां की गणेश को यह दे देना। कुबेर वापस गए और उन्होंने प्रेम और विनम्रता से वह चावल गणेश को दे दिए गणेश की भूख मिट गई।
Lord Ganesha Stories For Kids Hindi – 5 गणेश जी की कहानियाँ – Cartoon Animated Bedtime Stories
एक सच्ची कहानी – दो बहुओं और गणेश जी की एक अद्भुत कहानी – गणेश जी की लीला
REFERENCE-
Lord Ganesha Stories in Hindi