कैसी यह देर लगाई दुर्गे | Kaisi Yeh Der Lagayi Durge | Hindi Bhajan | Hindi Devotional Song

कैसी यह देर लगाई दुर्गे | Kaisi Yeh Der Lagayi Durge

कैसी यह देर लगाई दुर्गे | Kaisi Yeh Der Lagayi Durge

Kaisi Yeh Der Lagayi Durge
Kaisi Yeh Der Lagayi Durge

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कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।

भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।
मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या, ना मुझ ने भक्ति ना मुझ में शक्ति।
शरण तुम्हारी गिरा पड़ा हूँ, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

ना कोई मेरा कुटुम्भ साथी, ना ही मेरा शरीर साथी।
आप ही उभारो पकड़ के बाहें, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

चरण कमल की नौका बना कर, मैं पार हूँगा ख़ुशी मना कर।
यम दूतों को मार भगा कर, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

सदा ही तेरे गुणों को गाऊं, सदा ही तेरे सरूप को धयाऊं।
नित प्रति तेरे गुणों को गाऊं, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

ना मैं किसी का ना कोई मेरा, छाया है चारो तरफ अँधेरा।
पकड़ के ज्योति दिखा दो रास्ता, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

शरण पड़े हैं हम तुम्हारी, करो यह नैया पार हमारी।
कैसी यह देरी लगाई है दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी॥

Kaise Yeh Der lagayi He Durge l कैसी ये देर लगाई हे दुर्गे हे मात मेरी l Vaishno Mata Aarti l

Kaisi Yeh Der Lagayi Durge

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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