- एसिडिटी क्या होती है? – What is Acidity and Heartburn?
- एसिडिटी का कारण क्या है? – What Are The Causes of Acidity?
- एसिडिटी के लक्षण – Symptoms of Acidity and GAS
- एसिडिटी से होने वाली बीमारी – Diseases Related to Acidity
- पेट की गैस, एसिडिटी, कब्ज़ को जड़ से ख़त्म करने का 100% आयुर्वेदिक उपचार | Swami Ramdev
- एसिडिटी,गैस के घरेलु उपचार – Home Remedies For Acidity in Hindi
- एसिडिटी के लिए ठंडा दूध – Cold Milk For Acidity
- एसिडिटी में छाछ और दही – Buttermilk and Curd For Acidity
- एसिडिटी,गैस के लिए सौंफ – Fennel Seeds For Acidity
- एसिडिटी के लिए एलोवेरा – Aloe Vera For Acidity
- एसिडिटी के लिए जीरा – Cumin Seeds For Acidity
- एसिडिटी,गैस के लिए केला – Banana For Acidity
- एसिडिटी के लिए तरबूज – Melons For Acidity
- एसिडिटी,गैस के लिए योगासन
- Home Remedies For Acidity in Hindi – FAQs
एसिडिटी और पेट में जलन एक आम समस्या बन चुकी है। लाखों लोग अपने अनुचित आहारविहार और जीवनशैली की वजह से इस परेशानी से झुज रहे है। इसको लोग अनुचित आहार से होने वाली छोटी परेशानी समझ कर नजरअंदाज कर देते है। लेकिन कई लोगो में यह बड़ी कठिन एवं दुखदायी हो सकती है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार यह बीमारी में एंटासीड्स (Antacids) और पेट में एसिड को बनने से रोकने वाली दवाइया (PPIs) लेकर राहत मिल सकती है। लेकिन, इस परेशानी का जड़ में से नाश करने के लिए उनके पास कोई इलाज नहीं है क्योकि यह अनुचित आहार-विहार एवं जीवनशैली से होने वाली परेशानी है। यह परेशानी आगे चल कर गैस्ट्रिक अलसर जैसी समस्याओ का विकत स्वरुप ले सकती है।
आज हम देखेंगे की एसिडिटी क्या है?उसके कारण, लक्षण एवं उसके घरेलु उपाय क्या है।
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एसिडिटी क्या होती है? – What is Acidity and Heartburn?
जैसे की हम सब जानते है की हमारे पेट में खुराक को पाचन करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid) पाया जाता है। यह एसिड हमारे खुराक में से प्रोटीन का पाचन करने में मददरूप होता है। कई बार अधिक मात्रा में भोजन करने से, ज्यादा हेवी फ़ूड खाने से या फिर अधिकत्तम तीखा खाने से हमारे पेट में एसिड का स्त्राव बढ़ जाता है और पेट में जलन होने लगती है। इसे एसिडिटी (Acidity) या फिर हाइपर एसिडिटी (Hyperacidity) कहते है।
कई बार यह एसिड हमारी अन्न नलिका में भी चला जाता है जिससे सीने में जलन और दर्द भी होता है। इसे आम तौर पर हार्टबर्न (Heartburn) कहा जाता है।
एसिडिटी को आयुर्वेद में आम्लपित्त कहा गया है। यह पित्त प्राधान्य त्रिदोषज समस्या है। अम्लपित्त में पाचक पित्त की वृद्धि होती है एवं क्लेदक कफ और समान वात दोष भी शामिल होते है। इस बीमारी को हम आयुर्वेद के से जीवनशैली में बदलाव कर के और परिस्थिति के हिसाब से आहार में बदलाव करके ठीक कर सकते है।
एसिडिटी का कारण क्या है? – What Are The Causes of Acidity?
एसिडिटी के कई कारण हो सकते है। आम्लपित्त में पित्त दोष का मुख्य रूप से प्रकोप होता है, इसलिए यह मुख्यतौर पर पित्त का प्रकोप करने वाली चीज वस्तुओं का सेवन करने से होता है। एसिडिटी के मुख्य कारण निचे दिए गए है।
- अत्यधिक मात्रा में भोजन करना।
- अत्यधिक तीखा खाना।
- विरुद्ध आहार का सेवन।
- अधिक मात्रा में खट्टे आहार का सेवन करना।
- हेवी फ़ूड खाना।
- अधिक स्निग्ध भोजन (Oily Foods) का सेवन।
आयुर्वेद में आम्लपित्ता के कारणों में अनुचित आहार के साथ साथ अनुचित विहार का भी वर्णन किया गया है। एसिडिटी निम्नलिखित कारणों से भी हो सकती है।
- काबिलियत से ज्यादा श्रम करना।
- व्यायाम का अभाव। (Sedentary Lifestyle)
- मानसकि तनाव ।(Mental Stress)
- उष्ण तेल से मसाज करना।
- शराब का सेवन।
- देर रात तक जागना।
- कई एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव से।
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एसिडिटी के लक्षण – Symptoms of Acidity and GAS
एसिडिटी में निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते है।
- पेट में जलन।
- सीने में जलन।
- अधिक डकार आना।
- उल्टी होना।
- गले में जलन।
इसके अतिरिक्त खाने के बाद तुरंत पेट में जलन, खाना गले में अटक जाने वाली परेशानी आदि एसिडिटी के लक्षण हो सकते है।
एसिडिटी से होने वाली बीमारी – Diseases Related to Acidity
एसिडिटी (Acidity) एक आम समस्या है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह आम समस्या एक विकट रूप ले सकती है। एसिडिटी आम तौर पर गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी बिमारिओ के पूर्वरूप (Premonitory Symptoms) में देखने को मिलती है।
अगर एसिडिटी का इलाज न किया जाए तो यह धीरे धीरे हमारे पाचन तंत्र के भीतरी अस्तर को जलाकर उसमे अलसर जैसे कठिन परेशानिओं को बढ़ावा देती है। लंबे समय से होने वाली एसिडिटी (Chronic Acidity), Gastric Ulcer, Oesophageal Ulcer, Gastro-esophageal Reflux Disease (GERD), Irritable Bowel Syndrome (IBS) आदि बिमारिओं को आमंत्रित करती है।
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एसिडिटी,गैस के घरेलु उपचार – Home Remedies For Acidity in Hindi
अगर आप एसिडिटी एवं पेट में जलन से परेशान है तो आप निचे बताये गए एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय में से कोई भी प्रयोग कर सकते है।
एसिडिटी के लिए ठंडा दूध – Cold Milk For Acidity
![Home Remedies For Acidity in hindi](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/cold-milk-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
एसिडिटी से जल्द ही राहत पाने के लिए दूध एक अच्छा उपाय माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार दूध शीत वीर्य होता है और उसके ठंडे गुण के कारण पित्त का शमन करता है। एसिडिटी या पेट में जलन में एक गिलास ठंडा दूध पिने से जल्द राहत मिलती है। दूध हमारे पेट में एसिड को न्यूट्रैलाइज़ करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है।
याद रक्खे आपको दूध में शक्कर या फिर अन्य कोई पदार्थ नहीं मिलाना है।
एसिडिटी में छाछ और दही – Buttermilk and Curd For Acidity
![Home Remedies For Acidity in hindi](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/dahi-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
चीज़ के अलावा सभी डेरी प्रोडक्ट्स जैसे की छाछ, दही आदि एसिडिटी एवं पेट जलन में फायदेमंद है। इनमे उपस्थित फायदेमंद बैक्टीरिया हमारे पेट में होने वाले एसिड के स्त्राव को कम करते है और उनके ठंडे गुणों की वजह से एसिडिटी से राहत दिलाते है।
हर रोज खाने के बाद एक गिलास छाछ या फिर खाने के साथ दही खाने से एसिडिटी से राहत मिलती है और पाचन तंत्र को भी मदद मिलती है। हालांकि यह भी कहना अनिवार्य है की शाम को ६ बजे के बाद दही नहीं खाना है, यह कफ का प्रकोप करता है।
एसिडिटी,गैस के लिए सौंफ – Fennel Seeds For Acidity
![Home Remedies For Acidity in hindi](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/saunf-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
सौंफ को एसिडिटी और पाचन तंत्र के लिए वरदान माना जाता है। इसलिए, यह आमतौर पर खाने के बाद मुखवास के रूप में लिया जाता है। हर रोज खाने के बाद एक से दो चम्मच सौंफ को चबा ने से एसिडिटी में राहत मिलती है एवं यह पाचन में भी लाभदायक होता है।
सौंफ में एनेथोल (Anethol) नामक एक तत्व पाया जाता है जो कि पेट में एसिड को बैलेंस करता है और पाचन तंत्र को भी ठीक करता है। आप इसका उपयोग बेहतर पाचन के लिए भी कर सकते है।
आप सौंफ को एक कप पानी में उबाल कर उसका काढ़ा भी बना सकते है। यह काढ़े को ठंडा करके पिने से एसिडिटी एवं पेट में जलन से राहत मिलती है।
एसिडिटी के लिए एलोवेरा – Aloe Vera For Acidity
![एसिडिटी के आयुर्वेदिक घरेलु उपचार](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/aloe-vera-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
एलोवेरा जिसे आयुर्वेद में ‘घृतकुमारी’ भी कहते है, यह एक बड़ी ही विशेष औषधि है। आयुर्वेद के अनुसार यह शीत एवं त्रिदोषहर होती है। इसमें स्निग्ध, पिच्छिल, आदि गुण पाए जाते है जो की पेट में स्थित पित्त का शमन करने में मदद करते है। एलोवेरा के शीत वीर्य की वजह से यह एसिड को न्यूट्रल करके हमें एसिडिटी से राहत देता है।
आप एसिडिटी में एलोवेरा का जूस पि सकते है। एलोवेरा जूस के अन्य फायदे यहाँ पढ़े
एसिडिटी के लिए जीरा – Cumin Seeds For Acidity
![एसिडिटी के आयुर्वेदिक घरेलु उपचार](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/jeera-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
जीरा को पेट में लिए उत्तम औषधि माना जाता है। यह एक पाचक द्रव्य है जिसका उपयोग पाचनतंत्र को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह एसिडिटी के साथ साथ कब्ज़ जैसी जटिल परेशानिओं में भी मदद करता है। जीरा को आप कच्चा ही चबा सकते है या फिर आप इसको भूनके इसके पाउडर का भी सेवन कर सकते है।
भुने हुए जीरे के पाउडर का सेवन आम तौर पर छाछ में डालकर किया जाता है। यह गर्मियों में बहुत फायदेमंद होता है। हर रोज दिन में खाने के साथ जीरा वाली ठंडी छाछ पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है एवं पेट को ठंडक मिलती है।
एसिडिटी,गैस के लिए केला – Banana For Acidity
![एसिडिटी के घरेलु उपाय](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/Banana-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
केला एक ऐसा फल होता है जिसमे एसिड की मात्रा सबसे कम होती है। यह शीत वीर्य, स्निग्ध, एवं पिच्छिल गुण वाला होता है जो की पित्त का शमन करता है। यह पेट में कफ की परत (Mucus Lining) को ठीक करता है जिससे पेट में जलन, एसिडिटी आदि परेशानी से छुटकारा मिलता है।
एसिडिटी या फिर पेट में जलन होने पर एक केला खा जाने से राहत मिलती है। ज्यादा परेशानी होने पर आप केले को दूध में मिलाकर भी खा सकते है।
एसिडिटी के लिए तरबूज – Melons For Acidity
![एसिडिटी के घरेलु उपाय](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/watermelon-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
ठीक केले की तरह, तरबूज़ में भी एसिड की मात्रा न्यूनत्तम होती है और यह एक अल्कालिन फल होते है। यह लघु एवं शीत वीर्य फल होते है जो की पित्त का शमन करते है।
इनका सेवन करने से पेट में जलन एवं एसिडिटी से राहत मिलती है।
एसिडिटी,गैस के लिए योगासन
![एसिडिटी के लिए योगासन](https://hindiswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/yoga-Home-remedies-for-acidity-in-hindi.jpg)
आप एसिडिटी से राहत पाने के लिए योगा का सहारा भी ले सकते है। आप निम्नलिखित योगासन का प्रयोग कर सकते है।
- पश्चिमोत्तासन
- सुप्त बद्धकोणासन
- मार्जरी आसन
- वज्रासन
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन
Home Remedies For Acidity in Hindi – FAQs
एसिडिटी में क्या न खाए? – What Not to Eat in Acidity?
एसिडिटी में ज्यादा तीखा, खट्टा, हेवी फ़ूड नहीं खाना है। एसिडिटी में पित्त का प्रकोप करने वाली चीज़ वस्तुओं का सेवन हरकिज नहीं करना है। मुख्य तौर पर एसिडिटी में निम्नलिखित चीज़ वस्तुओ का सेवन नहीं करना है।
- चाय, कॉफ़ी, गर्म दूध, गर्म पानी आदि
- कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे की सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स आदि
- अत्यधिक तीखा
- अंगूर, नारंगी, आदि खट्टे फल
- टमाटर
- शराब
- चॉकलेट
- तले हुए पदार्थ
एसिडिटी का तुरंत इलाज – Instant Relief From Acidity
एसिडिटी से जल्द ही राहत पाने के लिए दूध एक अच्छा उपाय माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार दूध शीत वीर्य होता है और उसके ठंडे गुण के कारण पित्त का शमन करता है। एसिडिटी या पेट में जलन में एक गिलास ठंडा दूध पिने से जल्द राहत मिलती है। दूध हमारे पेट में एसिड को न्यूट्रैलाइज़ करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है।
एसिडिटी का दर्द कहाँ होता है? – Where Does Acidity Pain Occur?
एसिडिटी में आमतौर पर नाभि के ऊपरी हिस्से से लेकर सीने तक जलन होती है। कई बार यह जलन GERD के कारण गले तक भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, सीने में बायीं तरफ होने वाले दर्द को एसिडिटी नहीं समझना है। यह ह्रदय से सम्बंधित किसी अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है।
एसिडिटी में क्या खाएं? – What to Eat in Acidity?
एसिडिटी में शीत वीर्य वाला एवं पेट में ठंडक करने वाले खुराक का सेवन करना चाहिए। आप डाइट में हरी सब्जिआ जैसे की कॉलीफ्लॉवर, धनिया, निम्बू, टिंडे, ग्वार, भिंडे, आदि और ठंडे फल जैसे की केले, तरबूज़, आदि का समावेश कर सकते है।
Reference
Home Remedies for Acidity and Heartburn, pharmeasy, 2021