Hansel & Gretel | Gingerbreadman | Cinderella | 3 in 1 tales | बच्चों की नयी हिंदी कहानियाँ
Hansel and Gretel Story In Hindi | हैंसल और ग्रेटर की कहानी
बहुत समय पहले की बात है जंगल के एक छोटे से झोपड़े में दो भाई बहन अपने पिता के साथ रहते थे उनका नाम हंसल और ग्रेटल था उनके पिता एक लकड़हारे थे। उनके पिता ने दूसरी शादी की हुई थी उनकी सौतेली मां उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं करती थी।
एक दिन हंसल और ग्रेटल ने अपनी सौतेली मां को अपने पिता से बात करते हुए सुना वह कह रही थी कि इन बच्चों को कहीं दूर जंगल में छोड़ आओ। उनके पिता ने उनकी सौतेली मां को समझाने की बहुत कोशिश की परंतु वह अपनी जिद पर अड़ी रही।
ग्रेटर ने जब यह बात सुनी तो वह रोने लगी एक दिन हंसल और ग्रेटल के पिता और उनकी सौतेली मां पिकनिक के बहाने उन्हें दूर जंगल में ले गए और कहा, “ तुम दोनों यहीं रुको हम अभी आते हैं।” ऐसा कहकर वे दोनों चले गए और बच्चे जंगल में अकेले रह गए धीरे-धीरे शाम होने लगी परंतु हंसल और ग्रेटल के माता-पिता वापस नहीं आए।
यहाँ पढ़ें : नन्ही रेड राइडिंग हुड की कहानी
हंसल समझदार था क्योंकि वह ग्रेटर से बड़ा था उसने रास्ते में पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े फेंक दिए थे उन्हीं टुकड़ों का पीछा करते-करते वे अपने घर की तरफ चल दिए। दोनों को देखकर उनके पिता बहुत खुश हुए क्योंकि वे उन्हें छोड़ना नहीं चाहते थे। परंतु उनकी सौतेली मां बिल्कुल भी खुश नहीं थी।
कुछ दिनों के बाद फिर से उसकी सौतेली मां ने पिकनिक के बहाने उन दोनों को जंगल में छोड़कर आने का निश्चय किया। लेकिन इस बार हैंसल को पत्थर नहीं मिले और उसने निशानी के तौर पर रोटी के टुकड़े गिराए थे।
यहाँ पढ़ें : पंचतंत्र की 101 कहानियां – विष्णु शर्मा
जब वह जंगल में पहुंच गए तो कुछ देर रुकने के बाद उनके माता-पिता वहां से फिर बहाना बनाकर निकल गए। जब बहुत समय बीत जाने के बाद भी उनके माता-पिता वापस नहीं आए तो वह घर की तरफ चल दिए परंतु एक बार उनको रास्ते में रोटी के टुकड़े नहीं मिल पाए क्योंकि उन्हें पक्षियों ने खा लिया था।
इस बार हंसल और ग्रेटल भटक चुके थे वह 3 दिन तक भूखे प्यासे जंगल में ही घूमते रहे। घूमते घूमते वह एक ऐसे घर के पास पहुंचे जो केक, चॉकलेट और कैंडी का बना हुआ था।वे दोनों भूखे थे उस घर को देख कर मैं बहुत खुश हुए और तुरंत खाने के लिए दौड़े।
जैसे ही उन्होंने खाना शुरू किया अंदर से एक आवाज आई, “ कौन काट रहा है मेरे घर को?” घर एक जादूगरनी का था, वह एक दादी का भेष बनाकर बहार आई और बच्चों को अंदर ले गई पहले तो उसने बच्चों को उठाने के लिए दिया।
अगले दिन जब दोनों बच्चे जागे तो उस घर में कोई नहीं था वह घर में देखने लगे तब उन्हें एक छोटा सा दरवाजा दिखाई दिया। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला वह अंदर धन दौलत से भरा हुआ था। जैसे ही वे कमरे में जाने लगे जादूगरनी उनके सामने अपने असली रूप में आ गई।
जादूगरनी को देखकर दोनों बच्चे बहुत डर गए और वहां से भागने की कोशिश की परंतु जादूगरनी ने हैंसल को पकड़कर एक पिंजरे में बंद कर दिया। और ग्रेटल से सारे घर का काम करवाने लगी और खाने के लिए कुछ नहीं देती थी।
हैंसल समझदार था, वह पिंजरे में एक गड्ढा खोदने लगा और जो खाना उसे मिलता था वह उस गड्ढे में भर देता था ऐसे करते-करते बहुत दिन बीत गए। क्योंकि जादूगरनी हैंसल को मोटा करके खाना चाहती थी परंतु, जादूगरनी ने देखा कि वह मोटा नहीं हो रहा था।
एक दिन जादूगरनी ने कहा अब मैं तुझे ऐसे ही खा जाऊंगी उसने ग्रेटर को एक भट्टी लगाने को कहा। ग्रेटर भी हैंसल की तरह समझदार थी। समझ गई थी कि उसके भाई को मार देगी।
जैसे ही जादूगरनी ने भट्टी के पास जाकर देखा तो ग्रेटर ने अपनी पूरी ताकत लगाकर जादूगरनी को बर्थडे में धकेल दिया और उसका दरवाजा बंद कर दिया। थोड़ी ही देर में जादूगरनी भस्म हो गई।
ग्रेटर ने अंतर को पिंजरे से निकाला और दोनों ने अपनी जेबों में धन भर लिया। और वहां से भाग गए वह जंगल में गए परंतु उन्हें नहीं पता था कि जाना कहां है तभी वह एक नदी के पास पहुंचे नदी में एक बत्तख ने उन्हें नदी पार कराई।जैसे ही उन्होंने नदी पार की तो उन्हें अपने घर का रास्ता समझ आ गया और मैं दौड़े दौड़े अपने घर पहुंच गए जैसे ही उनके पिता ने उन्हें देखा तो खुशी से गले लगा लिया।
उनके पिता ने उन्हें बताया कि उन्हें जंगल में छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही उनकी मां अपने मायके चली गई थी और उसने उन दोनों को ढूंढने की बहुत कोशिश की। बच्चों ने अपने पिता को वहां से लिया हुआ धन हीरे जवाहरात दे दिए वे अपने पिता के साथ खुशी-खुशी रहने लगे अच्छा।
reference-
11 June 2021, Hansel and Gretel Story In Hindi, wikipedia