- What is the full form of DRDO? In Hindi डीआरडीओ का फुल फॉर्म क्या होता है
- Establishment of DRDO डीआरडीओ की स्थापना कब हुई थी
- What is DRDO? डीआरडीओ क्या है?
- DRDO’s first missile डीआरडीओ की पहली मिसाइल
- Achievements of DRDO डीआरडीओ की उपलबधियां
- Area of DRDO डीआरडीओ के कार्य क्षेत्र
- DRDO Functions डीआरडीओ के कार्य
- DRDO objectives डीआरडीओ के उदेश्य
Full form of DRDO,डीआरडीओ जिसे रक्षा संगठन और विकास संगठन कहा जाता है। यह भारत सरकार की एक एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली मे स्थित है। डी आर डी ओ भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिए देश की अग्रणी संस्था हैं। यह भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रुप मे कार्य करता है। इसकी स्थापना भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान के तकनीकी विभाग के रुप मे की गई थी।
वर्तमान समय मे इस संस्थान की अपनी 51 प्रयोगशालाएं हैं। जो इलेक्ट्रॉनिक, रक्षा उपकरण आदि के क्षेत्र मे कार्य करती हैं। यहां रडार, प्रक्षेपास्त्र आदि से संबंधित कई बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं।
भारतीय सेना की प्रौधोगिकी विकास अधिष्ठान तथा रक्षा विज्ञान संस्थान के साथ उत्पादन के निदेशालय के एकीकरण से संगठन किया गया है। इसके साथ- साथ रक्षा संगठन एवं अनुसंधान संगठन का भी गठन किया है। वर्तमान समय मे संस्था मे 5000 वैज्ञानिकों और 25000 से अधिक अन्य वैज्ञानिकों द्वारा तकनीक और कर्मियों द्वारा कार्यरत हैं। तथा मिसाइलों, हथियारों, हल्के लड़ाकू विमानों, रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों आदि के विकास के लिए अनेक प्रयोजनाएं उपलब्ध हैं।
What is the full form of DRDO? In Hindi डीआरडीओ का फुल फॉर्म क्या होता है
full form of DRDO | Defence Research and Development Organisation |
full form of DRDO in Hindi | रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन |
official website | drdo.gov.in |
DRDO Bhawan | Rajaji Marg, Vijay Chowk Area, Central Secretariat, New Delhi, Delhi 110004 |
help desk number | 01123007002 |
गठन | 1958 |
उत्तरदायी मंत्री | राजनाथ सिंह, रक्षामन्त्री |
एजेंसी | डॉ जी सतीश रेड्डी |
Full form of DRDO? डीआरडीओ का फुल फॉर्म होता है। “रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन” जिसे इंग्लिश मे कहते हैं “Defence Research and Development Organisation”। “रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन” भारत सरकार की एक एजेंसी है। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली मे स्थित है।
Establishment of DRDO डीआरडीओ की स्थापना कब हुई थी
DRDO डीआरडीओ का गठन (स्थापना) 1958 मे रक्षा विज्ञान संगठन और कुछ तकनीकी विकास प्रतिष्ठानों को मिला कर किया गया था। इसके साथ ही यह संस्था 10 प्रतिष्ठानों तथा प्रयोगशाला वाला एक छोटा सा संगठन था। मगर आज वर्तमान मे यह एक व्यापक संगठन के रुप मे विकसित किया जा चुका है। अगर वर्तमान की बात करें तो इस संस्था (The organization) के अंतर्गत लगभग 5000 से भी अधिक वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं। इसके साथ- साथ 25000 के लगभग तकनीकी स्टाफ कार्य कर रहा है। इसके माध्यम से देश की सेना को भी मज़बूती मिल रही है। इस संस्था का अपना एक अलग महत्व है।
What is DRDO? डीआरडीओ क्या है?

What is the full form of DRDO In Hindi DRDO ka full form kya hota hai डीआरडीओ का फुल फॉर्म क्या होता है और क्या होता है डीआरडीओ तथा इसके कार्य, उदेश्य और महत्व
डीआरडीओ (DRDO) भारत का सबसे बड़ा शोध संगठन है। यह विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली तथा रक्षा तकनीकों को विकसित करने वाली प्रयोगशालाओं का एक संगठन है। जैसे- इलैक्ट्रॉनिक, वैमानिक, इंजिनियरिंग, जीवन विज्ञान मिसाइल और नो सेना प्रणाली आदि। भारत के लिए आधुनिक हथियारों का निर्माण करना तथा नए- नए अनुसंधान करने की ज़िम्मेदारी डी आर डी ओ को ही निभानी होती है। डीआरडीओ ने रक्षा बलों (Defense forces) की आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए विशेष सामग्री का निर्माण करते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रक्षा अनुसंधान एव विकास संगठन यानी (DRDO) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों हेतू देश की अग्रणी संस्था हैं। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक इकाई के रुप मे कार्य करता है।
DRDO’s first missile डीआरडीओ की पहली मिसाइल
भारत की डीआरडीओ (DRDO) संस्था की पहली परियोजना सतह से हवा तक मार्ग करने वाली मिसाइल “एसएएम” (SAM) थी। जिसे प्रोजेक्ट इंडिगो (Indigo) के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसे सफलता कम हासिल हुई इसलिए कुछ ही समय मे इसे बंद कर दिया गया।
Achievements of DRDO डीआरडीओ की उपलबधियां
डीआरडीओ ने शुरुआत से लेकर अब तक कई कामयाबी हांसिल की है। डीआरडीओ ने प्रमुख प्रणालियों और विमान एवियोनिक्स, छोटे हथियार, आर्टिकल सिस्टम, यूएवी, ईडबल्यू सिस्टम, टैंक और बख्तरबंद वाहन, सोनार सिस्टम, कमाड और कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों को विकसित करने मे कई सफलताएं हासिल की हैं।
Area of DRDO डीआरडीओ के कार्य क्षेत्र
डीआरडीओ संस्था के अंतर्गत कई कार्य क्षेत्र आते हैं जिनमे से हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं।
1. परियोजनाओं की समिक्षा करना
2. बोर्ड का आयोजन करना
3. अनुमोदन के लिए प्रसंस्करण कार्य
4. भूमि अधिग्रहण स्टेट प्रबंधन
5. बजट का निर्धारण और नियंत्रण
6. नीति निर्धारण
7. आवश्यकता का अनुमोदन
8. भविष्य की परियोजनाओं की योजना बनाना
9. गुणवत्ता की गारंटी
10. सेमिनारों और संगोष्टियों का आयोजन करना
11. कार्यो के प्रगति की निगरानी करना
12. डेटाबेस को बनाए रखना
DRDO Functions डीआरडीओ के कार्य
डीआरडीओ के कार्य इस प्रकार है- डीआरडीओ के 50 से अधिक प्रमुख प्रयोगशाला का एक समूह होता है, जो विभिन्न प्रकार के शिक्षणों जैसे वैमानिकी, (Aeronautics) आयुध, (Armament) इलेक्ट्रॉनिक्स, (Electronics) युधक वाहन, (Fuel vehicle) इंजीनियरिंग प्रणाली, (Engineering system) उपकरण, (equipment) मिसाईल, (Missile) उन्नत कंप्यूटिक और सिमुलेशन, (Advanced computing and simulation) विशेष सामग्री, (Special content) नौसेना प्रणालियों, (Naval systems) जीवन विज्ञान, (life science) प्रशिक्षण, (Training) सूचना प्रणालियों (information Systems) और कृषि (Agriculture) को सुरक्षा प्रदान करने वाली रक्षा प्रौधोगिकियों का विकास करता है।
डीआरडीओ (DRDO) भारत को विश्व के सामने एक शक्ति के रुप मे प्रकट करता है। डीआरडीओ मिसाइलों, हथियारों, हल्के लड़ाकू विमानो, रडार, इलेक्ट्रोनिक युध प्रणालियों को लगातार विकसित करने के लिए काम करता रहा है जिससे सेना को मजबूती मिलती है। और इसके साथ- साथ भारत की शक्ति का भी प्रदर्शन होता रहे।
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DRDO objectives डीआरडीओ के उदेश्य
DRDO डीआरडीओ भारत की एक शक्तिशाली संस्था है जिसका फुल फॉर्म है “Defence Research and Development Organisation इसका मुख्यालय नई दिल्ली मे स्थापित है यह भारत को मजबूत बनाने का काम करती है जिसको निम्न उद्देश्य के लिए कार्य करना होता है।
1. डीआरडीओ (DRDO) देश की एक संस्था है जो भारत को हथियारों से मजबूत बनाने के लिए और सुरक्षा प्रदान करने के लिए कारगर होती है।
2. डीआरडीओ DRDO के वैज्ञानिको के बीच बेहतर आपसी संवाद द्वारा मनो दशा और पर्यावरण निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य था।
3. डी आर डी ओ DRDO मुख्य रुप से विज्ञान और प्रौधोगिकी के विभिन्न क्षेत्रों मे नवीनतम खोजों के क्षेत्र मे वैज्ञानिको मे जागरुकता उत्पन्न करता है।
4. विभिन्न विषयो पर काम करना जैसे- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनो जगहों की ख्याति प्राप्त करना, प्रमुख विशेषज्ञों को आमंत्रित करके सेमिनार, वाद- विवाद, व्याख्यान, सम्मेलन, परिचर्चा, आदि का संचालन करके प्रौधोगिकी की गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश करता है।
5. यह सहकर्मी वैज्ञानिको के बीच वैज्ञानिक विचारों का आदान- प्रदान करता है।
6. वैज्ञानिक कार्यों और प्रौधोगिकी सूचना को इकट्ठा कर वैज्ञानिको के बीच अध्ययन की प्रवृति और पुस्तकालय संस्कृति को उन्नत करने मे डी आर डी ओ हमेशा बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
Important facts related to DRDO डीआरडीओ से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
डी आर डी ओ DRDO की संस्था द्वारा डीआरडीओ DRDO के वैज्ञानिक और इसके बाहर के वैज्ञानिक द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है। इसके साथ- साथ प्रतिवर्ष 28 फरवरी को “राष्टीय विज्ञान दिवस” और 11 मई को “राष्ट्रीय प्रौधोगिकी दिवस” मनाया जाता है तथा इसके साथ, रक्षा विज्ञान फोरम नियमित रुप से सेमिनार और संगोष्ठि का भी आयोजन करता है।
इस लेख मे हमने आपको डीआरडीओ से संबंधित सभी जानकारी देने की कोशिश की है। जैसे- What is the full form of DRDO? डीआरडीओ का फुल फॉर्म होता है “Defence Research and Development Organisation” डीआरडीओ क्या होता है। इसके उद्देश्य, कार्य, इसकी स्थापना आदि। यदि आप कोई और जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स मे कंमेट कर सकते हैं।