Dharti fat rahi hai jatak katha in hindi
कुछ समय पहले की बात है, किसी जंगल में एक गधा बरगद के पेड़ के नीचे लेटकर आराम कर रहा था। लेटे-लेटे उसके मन में बुरे खयाल ध्याने लगे, उसने सोचा, ‘यदि धरती फट गई तो मेरा क्या होगा?’
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अभी उसने ऐसा सोचा ही था कि एक जोर के धमाके की आवाज आई। वह भयभीत हो उठा और चीखने लगा, ‘भागो-भागो धरती फट रही है, अपनी जान बचाओ।’ और ऐसा कहते हुए वह पागलों की तरह एक दिशा में भागने लगा।
उसे इस कदर भागते देख एक अन्य गधे ने पूछा, ‘अरे क्या हुआ भाई, तुम इस तरह बदहवास भागे क्यों जा रहे हो ?’ ‘अरे तुम भी भागो, अपनी जान बचाओ, धरती फट रही है।’ ऐसा चीखते हुए वह भागता रहा।
यह सुनकर दूसरा गधा भी डर गया और उसके साथ भागने लगा। अब तो दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे, ‘भागो भागो धरती फट रही है। भागो-भागो।’
देखते-देखते सैकड़ों गधे इस बात को दोहराते हुए उसी दिशा में भागने लगे। गधों को इस तरह भागते देख, अन्य जानवर भी डर गए। धरती फटने की खबर जंगल में आग की तरह फैलने लगी और जल्द ही सबको पता चल गया कि धरती फट रही है।
चारों तरफ जानवरों की चीख-पुकार मच गई, साँप, बिच्छू, सियार, लोमड़, हाथी, घोड़े सभी उस झुंड में शामिल हो भागने लगे।
जंगल में फैले इस हो-हल्ले को सुन अपनी गुफा में विश्राम कर रहा जंगल का राजा शेर बाहर निकला, उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ कि सारे जानवर एक ही दिशा में भागे जा रहे हैं। वह उठकर सबके सामने आया और गरजती हुई दहाड़ के साथ बोला, ‘यह क्या पागलपन है, कहाँ भागे जा रहे हो तुम सब ?’
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“महाराज, धरती फट रही है। आप भी अपनी जान बचाइए झुंड में आगे खड़ा बंदर बोला।
‘किसने कहा यह सब ?’ शेर ने प्रश्न किया।
सब एक-दूसरे का मुँह देखने लगे. फिर बंदर बोला, ‘मुझे तो यह बात चीते ने बताई थी।”
चीते ने कहा, ‘मैंने तो यह पक्षियों से सुना था।’ और ऐसे करते करते पता चला कि यह बात सबसे पहले गधे ने बताई थी। गधे को महाराज के सामने बुलाया गया।
‘तुम्हें कैसे पता चला कि धरती फट रही है ?’ शेर ने गुस्से से पूछा
‘मैंने अपने कानों से धरती के फटने की आवाज सुनी थी महाराज।’ गधे ने डरते हुए उत्तर दिया। “ठीक है चलो, मुझे उस जगह ले चलो और दिखाओं कि धरती फट रही है।’ ऐसा कहते हुए शेर गधे को उस तरफ ढकेलता हुआ ले जाने लगा।
बाकी जानवर भी उनके पीछे हो लिये और डर-डरकर उस और बढ़ने लगे।
बरगद के पास पहुँचकर गधा बोला, ‘हुजूर, मैं यहीं सो रहा था कि तभी जोर से धरती फटने की आवाज आई, मैंने खुद उड़ती हुई धूल देखी और भागने लगा।”
शेर ने आस-पास जाकर देखा और सारा मामला समझ गया। उसने सभी को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह गधा महामूर्ख है। दरअसल पास ही नारियल का एक ऊँचा पेड़ है और तेज हवा चलने से उस पर लगा एक बड़ा सा नारियल नीचे पत्थर पर गिर पड़ा, पत्थर सरकने से आस-पास धूल उड़ने लगी और यह गधा न जाने कैसे इसे धरती फटने की बात समझ बैठा।”
शेर ने बोलना जारी रखा, पर भाइयों यह तो गधा है, पर क्या आपके पास भी अपना दिमाग नहीं है, जाइए, अपने घर जाइए और आइंदा से किसी अफवाह पर यकीन करने से पहले दस बार सोचिएगा।’
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