खजुराहो: ब्रह्मानंदम परम सुखदम | Khajuraho: Brahmanandam Parama sukhadam | Hindi Bhajan | Hindi Devotional Song

Brahmanandam Parama sukhadam

Brahmanandam Parama sukhadam
Brahmanandam Parama sukhadam

यहाँ पढ़ें: होली खेलन आयो श्याम, आज: होली भजन
यहाँ पढ़ें: कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,
द्वंद्वातीतम् गगन सदृशं,
तत्वमस्यादि लक्षम ।

एकं नित्यं विमल मचलं,
सर्वाधी साक्षीभुतम,
भावातीतं त्रिगुण रहितम्,
सदगुरु तं नमामी ॥

धूम मची हर नभ में फूटे,
रस की फुहारे ।
अनहद के आँगन में नाचे,
चँदा सितारे ॥

अबीर गुलाल के बादल गरजे,
फागुन सेज सजाए ।
दूर अधर बिजली यूँ कौंधे,
रंग दियो छिड़काए ॥

रास रंग मदिरा से बरसे,
प्रेम अगन सुलगाए ।
चहक उठे सब डाल पात सब,
एक ही रंग समाए ॥

ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं | Brahmanandam Parama Sukhadam Kevalam Dnyanamurtim

Brahmanandam Parama sukhadam

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment