अस्थमा क्या होता है, उसके लक्षण एवं आयुर्वेदिक उपचार – What is Asthma, Its Symptoms and Ayurvedic Remedies

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आज कल बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिक क्रांति की वजह से हमारे आसपास के वातावरण में प्रदुषण का प्रमाण तेज गति से बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदुषण एवं असुद्ध हवा की वजह से प्राकृतिक परिवर्तन देखने को मिल सकते है। इसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है और कई बीमारियों की उत्पत्ति होती है। आयुर्वेद मानता है की – ‘यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे’ अर्थात हमारा शरीर और यह सृष्टि दोनों एक दूसरे के अनुरूप है। हम हमारे आसपास के वातावरण में हुए जरा से बदलाव का असर हमारे शरीर पर देख सकते है।

अस्थमा एक आमतौर पर असुद्ध हवा और प्रदूषित वातावरण से होने वाली बीमारी है। इसके अन्य कारण भी हो सकते है। आज हम इस लेख में अस्थमा के बारे में विस्तार में चर्चा करेंगे।

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अस्थमा क्या है और क्यों होता है | What is Asthma | Asthma symptoms, How to control Asthma in Hindi

Asthma in Hindi

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अस्थमा क्या होता है? – What is Asthma?

Asthma in Hindi
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आपने कई लोगो को मुँह से एक छोटे इनहेलर की मदद से दवा लेते हुए देखा होगा। अस्थमा के मरीजों को दवाई इस प्रकार से दी जाती है। अस्थमा एक श्वसन प्रणाली की बीमारी है जिसमे हमारे फेफड़ो में स्थित छोटी छोटी नलिकाए सिकुड़ जाती है हवा का परिवहन कम हो जाता है। अस्थमा एक जटिल बीमारी है जिसका इलाज कठिन होता है। यह आम तौर पर बीड़ी, सिगरेट, आदि का सेवन करने वाले लोगो में अधिक होता है। अस्थमा को कई लोग ‘ब्रोंकियल अस्थमा’ भी कहते है।

अस्थमा एक गंभीर बीमारी है जो की दवाई लेने पर काबू में आ सकती है। लेकिन कई बार अस्थमा अटैक की वजह से तुरंत हॉस्पिटलाईज़ेशन की भी जरुरत पड सकती है। भारत में ६% बच्चों में और २% वयस्क में यह बीमारी देखने को मिलती है।

अस्थमा के लक्षण – Symptoms of Asthma

अलग अलग लोगों में अस्थमा के अलग अलग लक्षण देखने को मिल सकते है। कई लोगों को कुछ देर तक ही अस्थमा अटैक आ सकता है और लक्षण मात्र कुछ क्षण के लिए ही देखने को मिल सकते है जैसे कि व्यायाम करते समय, चलते समय आदि।

अस्थमा के कुछ लक्षण निचे बताये गए है।

●     काम करते समय सांस फूलना
●     छाती में भारीपन / दर्द
●     सांस निकलते समय आवाज़ – जो की बच्चों में आम होता है
●     सोने में परेशानी – सांस फूलना / खांसी की वजह से
●     खांसी / ज़ुखाम में सांस फूलना

लम्बे समय तक सुखी खांसी अस्थमा का एक महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है। ऐसा लगने पर आपको अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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अस्थमा क्यों होता है? – Causes of Asthma

Asthma in Hindi
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अस्थमा के कई कारण हो सकते है। अस्थमा आम तौर पर प्रदूषित हवा, बीड़ी सिगरेट का धुआँ, चेमिकल्स का श्वसन प्रणाली में जाना, आदि कारणों से हो सकता है। हालांकि, अस्थमा का कोई एक सटीक कारण नहीं पता चला है लेकिन माना जाता है की यह अनुवांशिक एवं परिवेष्टिक कारणों के योग की वजह से होता है। कई लोगों को यह एलर्जिक भी होता है।

आयुर्वेद में अस्थमा को ‘श्वास’ बीमारी कहा गया है। आयुर्वेद अनुसार यह बीमारी मुख्य रूप से कफ और वात दोष के असंतुलन की वजह से होती है। इसमें वात दोष की वजह से फेफड़े सुख जाते है और उनके कफ जम जाता है।

अस्थमा के आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Remedies of Asthma

आयुर्वेद में अस्थमा के लिए कई बेहतरीन उपचार बताये गए है। इन में से कई उपचार का प्रयोग आप घर पर भी कर सकते है। यह उपचार का प्रयोग आपको किसी चिकित्सक की सलाह लेकर ही करना है और यह भी याद रखे की यह मात्र आपको राहत देंगे। आपको अपनी दवा चालू रखनी है।

अस्थमा के लिए कंकासव – Kankasava for Asthma

कंकासव या कंकासवम एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जिसका उपयोग अस्थमा, पेट की बीमारी, रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने एवं श्वास रोग के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसमें धतूरा, अडूसा, मुलेठी, भारंगी आदि आयुर्वेदिक औषधियां होती है जो की वात-कफ हर होती है और इनका शमन करती है। आपको यह किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जायेगा।

वयस्क लोग इसका सेवन ६-१५ मि.ली खाने के बाद पानी के साथ कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर ले।

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अस्थमा के लिए अदरक एवं हल्दी वाला दूध – Ginger & Turmeric Milk for Asthma

अदरक और हल्दी आम तौर पर हमारे रसोई घर में पाए जाने वाली गुणयुक्त औषधि है। अदरक एक उष्ण औषधि है जो की कफ का शमन करता है और हल्दी में कई चिकित्सीय गुणधर्म पाए जाते है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार भी हल्दी एक चिकित्सीय गुण धर्मों से भरपूर औषधि है।

हल्दी और अदरक वाला दूध हर रोज सोने से पहले एक गिलास पीने से अस्थमा में राहत मिलती है एवं नींद अच्छी आती है।

अस्थमा के लिए सरसों का तेल – Mustard Oil for Asthma

अस्थमा में छाती के भाग को सरसों के तेल और कर्पूर से मसाज करने से राहत मिलती है। सरसों का तेल और कर्पूर दोनों शरीर में गर्मी प्रदान करते है जिससे कफ का नाश होता है।

एक पतीले में सरसों के तेल को गरम करें और उसमे कर्पूर मिलाये। कर्पूर पूरी तरह से घुल जाने पर इस मिश्रण को मरीज की छाती पर हलके से मसाज करें। ऐसा करने से फेफड़ो में जमा कफ बहार निकलेगा और सांस लेने में राहत मिलेगी।

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अस्थमा के लिए मुलेठी – Mulethi for Asthma

मुलेठी, जिसे यष्टिमधु के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन औषधि है जिसका उपयोग गले में खराश के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसके Bronchodilator (श्वसनी विस्फारक) और Expectorant (कफोत्सारक) गुणधर्म की वजह से इसके सेवन से अस्थमा में राहत मिलती है। यह श्वसन नलिकाओं को विस्तृत करके फेफड़ो में स्थित कफ को बहार निकलती है।

आप अस्थमा के लक्षणों से राहत पाने के लिए मुलेठी के जड़ो से बनी चाय पि सकते है।

अस्थमा के लिए योग – Yoga for Asthma

अस्थमा में आम तौर पर भारी व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, अस्थमा में हलके व्यायाम एवं योग करने से कई फायदे होते है। योग एवं प्राणायाम करने से हमारे फेफड़ो की क्षमता बढ़ती है एवं शरीर को शुद्ध हवा मिलती है। योग और ध्यान करने से भी मन शांत होता है एवं शरीर को शांति की अनुभूति होती है।

यहाँ कुछ योगासन बताये गए है जिसका प्रयोग आप अस्थमा के लिए कर सकते है।

●     सुखासन
●     दण्डासन
●     उत्तनासन
●     बद्धकोणासन
●     पवनमुक्तासन
●     भुजंगासना
●     शवासन

नियमित रूप से प्राणायाम करने से भी अस्थमा में काफी हद तक राहत मिलती है। अस्थमा के मरीजों को रोज कम से कम १० मिनट सुखासन में बैठ कर प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है। प्राणायाम करने से शरीर को शुद्ध हवा मिलती है एवं फेफड़ो की क्षमता बढ़ती है।

यहाँ बताये गए उपचार मात्र आपकी जानकारी के लिए है। इन उपचारों का प्रयोग करके आप अस्थमा में राहत पा सकते है। इसके अतिरिक्त, आपको इन सब उपचारो का प्रयोग करने से पहले एक चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अस्थमा में खानपान – Diet in Asthma

अस्थमा वात कफ दोष से होने वाली बीमारी है, इसलिए अस्थमा के मरीजों को उष्ण एवं शरीर का पोषण करने वाले खुराक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अस्थमा में सूखे, ठंडे, पाचन में भारी, रूखे आदि वात-कफ दोष का प्रकोप करने वाले खुराक का त्याग करना चाहिए।

अस्थमा के मरीजों को उष्ण, पचने में हल्का, एवं कफ से विपरीत गुणों वाले खुराक का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

अस्थमा में खानपान

अस्थमा में क्या खाना है?अस्थमा में क्या नहीं खाना है?
● फल एवं हरी सब्जियां
● विटामिन डी सप्लीमेंट्स
● अदरक
● प्याज
● लहसुन
● शकरकंद
● कंदमूल
● कॉफ़ी (कैफीन)
● ज़्यादा तला हुआ
● अतिरिक्त तीखा
● कोल्ड ड्रिंक्स
● एलर्जिक फूड्स
● ड्राई फ्रूट्स
● वाइन एवं बियर
● अचार
● चाय
अस्थमा में खानपान

अस्थमा में सही आहार विहार एवं खानपान का पालन करके कई हद तक राहत मिल सकती है। इसके अतिरिक्त व्यसन को त्यागने की सलाह भी दी जाती है।

FAQs Asthma in Hindi


क्या अस्थमा ठीक हो सकता है? – Can Asthma be Cured?

अस्थमा एक जटिल बीमारी है। अस्थमा में १००% तो नहीं ठीक किया जा सकता लेकिन इसमें अधिकत्तम राहत मिल सकती है जो की ठीक होने के बराबर ही होती है। सही आहार विहार, दवाइयों का सेवन और योग उपचार की मदद से इसमें राहत मिल सकती है।

अस्थमा में क्या महसूस होता है? – How does Asthma Feel?

अस्थमा में सामान्य काम करने पर भी सांस लेने में दिक्कत होती है एवं छाती में दर्द होता है। यह लक्षण आपको अस्थ्मिक अटैक के बाद में या फिर पहले भी देखने को मिल सकता है। थोड़ा चलने पर, व्यायाम करने पर या फिर कुछ काम करने पर भी सांस फूलती है एवं शरीर में दुर्बलता का अनुभव होता है।

अस्थमा कैसे टेस्ट होता है? – How do They Test You for Asthma?

अस्थमा को टेस्ट करने के कई तरीके है। एक चिकित्सक आपके फेफड़ो का X-Ray निकाल कर भी बता सकता है। अस्थमा को स्पिरोमेट्री की मदद से भी टेस्ट किया जाता है। स्पिरोमेट्री में मरीज को एक मशीन से सांस लेने को बोला जाता है जिससे उसके फेफड़ो की क्षमता का माप होता है। अस्थमा में हमारे फेफड़ो की सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है।

क्या व्यायाम अस्थमा के लिए अच्छा होता है – Is Exercise Good for Asthma?

नियमित रूप से व्यायाम करने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिलती है। व्यायाम करने से और स्पोर्ट्स खेलने से हमारे फेफड़ो की क्षमता बढ़ती है और अस्थमा के लक्षण कम होते है। हालांकि, अस्थमा के मरीजों को अतिरिक्त व्यायाम नहीं करना चाहिए।

क्या अस्थमा में दूध लेना चाहिए? – Is Milk Bad for Asthma?

दूध एवं डेयरी उत्पादों की वजह से अस्थमा नहीं होता है और वह एकदम सुरक्षित है। हालांकि, अगर आपको डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी है तो आपको दूध पीना टालना चाहिए। 

Reference-
12 June 2021, Asthma in Hindi, wikipedia

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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