थायराइड के घरेलू उपचार – Home Remedies for Thyroid Disease

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आजकल बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण की वजह से हमारी जीवनशैली और आसपास के वातावरण के वातावरण में कई बदलाव देखने को मिलते है। आयुर्वेद की दृष्टि से देखे तो हमारा शरीर हमारे आसपास के वातावरण से काफी हद तक प्रभावित होता है। यही कारण है की आजकल अनुचित जीवनशैली से होने वाली बीमारियां आम हो गयी है। थायराइड की बीमारी भी उनमें से एक है। home remedies for Thyroid

थायराइड दुनियाभर में एक आम समस्या हो गयी है, भारत में भी इसकी उल्लेखनीय परिस्थिति है। एक रिपोर्ट के आधार पर भारत में तकरिब्बन ४ करोड़ २० लाख दर्दी थायराइड से पीड़ित है।

इस लेख में हम बात करेंगे थायराइड बीमारी, इसके कारण, प्रकार एवं लक्षण के बारे में, साथ ही आज हम थायराइड के घरेलु उपचार के बारे में भी बात करेंगे। आयुर्वेद आधारित थायराइड के घरेलु उपाय आपको थायराइड से राहत पाने में मदद करेंगे।

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थायराइड क्या है – What is Thyroid

home remedies for Thyroid
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“थायरॉयड” हमारे हंसली के ठीक ऊपर, गर्दन में एक तितली के आकार की ग्रंथि है। यह एक अंतःस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) होती है, जो थायराइड हार्मोन बनाती हैं। थायराइड हार्मोन हमारे शरीर में कई गतिविधियों के दर को नियंत्रित करते हैं। थायराइड हॉर्मोन आम तौर पर हमारे शरीर के चयापचय के दर (Metabolism Rate) को नियंत्रित कर सकता है। इसके अतिरिक्त, थायराइड हॉर्मोन अन्य शरीर में अन्य प्रक्रियाओं के लिए भी जिम्मेदार होता है।

थायराइड ग्रंथि २ प्रकार के थायराइड हॉर्मोन्स बनती है – T3 और T4। थायराइड ग्रंथि द्वारा T3 और T4 का स्त्राव हाइपोथैलेमस द्वारा TSH हार्मोन से नियंत्रित होता है। जब शरीर में थायराइड की मात्रा कम हो जाती है, तब हमारा शरीर इसे बढ़ाने के लिए TSH का स्त्राव करता है और इसका विपरीत भी होता है।

इसलिए, हमारे शरीर में थायराइड की बीमारी का पता लगाने के लिए TSH Test किया जाता है।

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थायराइड बीमारी क्या है – What is Thyroid Disease

हमारे शरीर में चयाचपयी का दर थायराइड हॉर्मोन पर निर्धारित होता है। थायराइड हॉर्मोन को बनाने के लिए आयोडीन (Iodine) एक महत्वपूर्ण घटक होता है। कई बार शरीर में आयोडीन के असंतुलन की वजह से थायराइड ग्रंथि पर असर होता है और थायराइड की बीमारी उत्पन्न होती है।

हालांकि, थायराइड बीमारी के लिए सिर्फ आयोडीन की मात्रा जिम्मेदार नहीं होती, इसके कई और कारण भी हो सकते है।

आयुर्वेद की दृष्टि से देखे तो थायराइड विशुद्ध चक्र के पास होता है और यह पित्त और कफ दोष का प्रतीक होता है। यही दोषों में असंतुलन की वजह से थायराइड बीमारी का जन्म होता है।

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थायराइड के प्रकार – Types of Thyroid Diseases

शरीर में थायराइड हार्मोन की मात्रा के आधार पर थायराइड बीमारी दो प्रकार की होते है।

1.  हाइपर थयराइड (Hyperthyroidism)

home remedies for Thyroid
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हाइपर का अर्थ होता है सामान्य से ज्यादा। जब हमारे शरीर में थायराइड की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाती है तब उस परिस्थिति को हाइपर थायराइड कहते है। इस बीमारी में हमारी थायराइड ग्रंथि सामान्य से ज्यादा सक्रिय (Hyperactive) होती है। इसके कारण शरीर में चयाचपय का दर (Metabolism Rate) बढ़ जाता है और शरीर दुबला होने लगता है।

2.  हाइपो थायराइड (Hypothyroidism)

home remedies for Thyroid
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हाइपर का अर्थ होता है सामान्य से कम। जब हमारे शरीर में थायराइड की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है तब उस परिस्थिति को हाइपो थायराइड कहते है। इस बीमारी में हमारी थायराइड ग्रंथि सामान्य से कम सक्रिय (Hypo Active) होती है। इसके कारण शरीर में चयाचपयी का दर (Metabolism Rate) कम हो जाता है और शरीर मोटा होने लगता है। पुरुष के मुक़ाबले महिलाएं इस रोग का ज़्यादा शिकार बनती है।

इसके अतिरिक्त थायराइड ग्रंथि में अन्य परिस्थितिया भी हो सकती है जैसे की गॉयटर (Goitre), हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s Disease), थायराइड में सूजन (Thyroiditis) आदि, जो की सामान्य तौर पर बहुत कम देखने को मिलती है।

थायराइड के लक्षण – Symptoms of Thyroid Diseases

थायराइड रोग में कई लक्षण देखने को मिल सकते है, और वह भी थायराइड बीमारी के प्रकार पर निर्भर होता है। अलग अलग लोगों में विभिन्न लक्षण देखने को मिल सकते है। कुछ हाइपो और हाइपर थायराइड के लक्षण निचे बताये गए है।

हाइपर थायराइड के लक्षणहाइपो थायराइड के लक्षण
चिंता, चिड़चिड़ापन, और घबराहटथकान महसूस करना
सोने में दिक्कतशरीर में आलसीपन
वजन का आश्चर्यचकित रूप से कम होनावजन का ज्यादा बढ़ना
थायराइड में सूजन (गोइटर)त्वचा का रूखापन
मांशपेशियों में कमजोरी और कंपनबालों में रूखापन
महिलाओं में मासिक चक्र में असंतुलनकर्कश आवाज

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हाइपो थायराइड के घरेलू उपचार – home remedies for Thyroid Diseases

आज हम बात करेंगे आयुर्वेद आधारित थायराइड के घरेलु उपचार के बारे में जो की आपको थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद करेंगे और थायराइड बीमारी में राहत देंगे। आप निचे दिए गए थायराइड के घरेलु उपचार में से कोई एक का प्रयोग अपनी रेगुलर थायराइड दवा के साथ कर सकते है।

थायराइड के लिए अश्वगंधा – Ashwagandha for Thyroid

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अश्वगंधा एक प्राचीन औषधीय जड़ी बूटी है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह चिंता और तनाव को कम कर सकता है, अवसाद से लड़ने में मदद कर सकता है, पुरुषों में प्रजनन क्षमता और टेस्टोस्टेरोन को बढ़ा सकता है और यहां तक ​​कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ा सकता है। हाल ही में एक अनुसंधान के मुताबिक अश्वगंधा हमारे शरीर में थायराइड के स्तर को संतुलित करने  में भी मदद करता है।

अश्वगंधा हमारे  शरीर में T3 और T4 के स्तर को बढ़ा कर TSH के स्तर को कम करता है। इसलिए,  इसे हाइपो थायराइड में प्रयोग किया जा सकता है। आप हर रोज खाली पेट अश्वगंधा मूल के रस का प्रयोग कर सकते है। आप अश्वगंधा टेबलेट्स का भी प्रयोग कर सकते है। प्रतिदिन ५००-६०० mg अश्वगंधा का प्रयोग किया जा सकता है।

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थायराइड के लिए आयोडीन युक्त खुराक – Iodine-rich  Foods for Thyroid

home remedies for Thyroid
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अधिकत्तम थायराइड की कमी आयोडीन की कमी की वजह से होती है, हमारे खुराक में आयोडीन-युक्त चीज़ वस्तुए शामिल कर के हम इसको ठीक कर सकते है। हाइपो थायराइड से पीड़ित मरीजों को अपने डाइट में आयोडीन की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।

नीचे कुछ आयोडीन-युक्त खुराक के नाम दिए गए है जिसका सेवन आप रोज कर सकते हो।

  • आलू
  • दूध
  • चीज़
  • दही
  • ब्राउन राइस
  • लहसुन
  • सी फ़ूड और अंडे

थायराइड के लिए नारियल तेल – Coconut Oil for Thyroid

home remedies for Thyroid
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नारियल के तेल के कई सारे फायदे है। इसका आयुर्वेद में अभ्यांग के लिए उपयोग किया जाता है। यह हमारे थायराइड लेवल्स को भी संतुलित करने में मददगार साबित हुआ है। नारियल तेल में मीडियम चैन ट्राई-ग्लिसराईड्स पाए जाते है जो की हमारे चयापचय प्रक्रिया को उत्तेजित करते है और वजन कम करने में भी मदद करते है। इसलिए, इसका प्रयोग हाइपो थायराइड में पथ्य है।

आप हर रोज २ चम्मच नारियल तेल का उपयोग कर सकते है। हालांकि, इसके सेवन से उल्टी या फिर उबकाई जैसी परेशानी हो सकती है। आप इसका सेवन रोज १ चम्मच से शुरू करके २ चम्मच तक ले जा सकते है।

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थायराइड के लिए कांचनार – Kanchnara for Thyroid

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आयुर्वेद में कांचनार का उपयोग थायराइड ग्रंथि में सूजन कम करने के लिए और गोइटर से राहत पाने के लिए किया जाता है। आम तौर पर यह आपको किसी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जायेगा। आप कांचनार टेबलेट्स का प्रयोग नित्य रूप से कर सकते है। इसके अतिरिक्त, अगर उपलब्ध हो तो आप इसके साथ कांचनार की छाल का काढ़ा ५-६ चम्मच भी ले सकते हो।

इसके अलावा कांचनार के कई और फायदे भी पाए गए है।

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थायराइड के लिए त्रिफलाद्य गुग्गुल – Triphaladya Guggulu for Thyroid

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त्रिफलाद्य गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक फार्मूलेशन है जिसका उपयोग कई रोगों में किया जाता है। यह त्रिफला, सुंठ, कांचनार, गुग्गुल आदि औषधि से बना एक औषधीय समूह है। एक अनुसंधान में यह भी पाया गया है की त्रिफलाद्य गुग्गुल के नित्य सेवन से थायराइड लेवल्स को बैलेंस किया जा सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक हाइपो थायराइड हमारे शरीर में मंद धात्वाग्नि की वजह से होता है। हम त्रिफलाद्य गुग्गुल का सेवन करके इसको ठीक कर सकते है।

त्रिफलाद्य गुग्गुल वटी (टेबलेट) आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर में मिल जायेगा। आप हर रोज त्रिफलाद्य गुग्गुल वटी (५०० mg) का सेवन दिन में दो बार गर्म पानी के साथ करना है।

याद रखे यह सिर्फ घरेलु उपाय एवं उपचार है जो की आपको थायराइड से राहत देने में मदद करते है और आपको इसका प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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Home Remedies for Hypothyroid Disease in Hindi – FAQs

क्या थायराइड का टेस्ट खाली पेट होता है? – Is fasting required for thyroid test?

हा…! थायराइड टेस्ट आम तौर पर खाली पेट सुबह किया जाता है। आपको TSH टेस्ट के लिए अन्य विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। आपको सिर्फ यह ध्यान रखना है की आपको उठने के तुरंत बाद कुछ नहीं खाना है, चाय भी नहीं, और टेस्ट करना है। आप पानी पी सकते हो। कुछ भी खाने-पीने से हमारे थायराइड स्तर पर असर पड़ सकता है और थायराइड टेस्ट गलत आ सकता है।

क्या थायराइड जानलेवा है – Can you die from Thyroid?

थायराइड आज कल एक आम समस्या हो चुकी है। आम तौर पर उचित दवाई और परहेज के साथ इसका प्रबंध किया जाता है। लेकिन कई बार बिना उपचार के यह मिक्सडेमा कोमा तक ले जा सकती है और अगर इसका भी आपातकालीन उपचार न किया जाए तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

थायराइड की दवा कब लेनी चाहिए? – How to take Thyroid medicine?

थायराइड की दवा आम तौर पर सुबह खली पेट ली जाती है। आपको यह लेने के बाद ३०-४५ मिनट तक कुछ खाना पीना नहीं है।

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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